PM Modi Congratulates Donald Trump – PM मोदी ने ट्रम्प को दी जीत की बधाई, ट्रम्प ने कहा – “दुनिया मोदी से प्यार करती है”
डोनाल्ड ट्रम्प की शानदार जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें फोन पर बधाई दी। न्यूज एजेंसी ANI के अनुसार, इस बातचीत में दोनों नेताओं ने विश्व शांति के लिए मिलकर काम करने की बात कही। ट्रम्प ने प्रधानमंत्री मोदी को एक महान व्यक्ति बताते हुए भारत को अपना सच्चा दोस्त कहा। ट्रम्प ने कहा, “पूरी दुनिया मोदी से प्यार करती है,” और वे उन पहले विश्व नेताओं में से हैं जिनसे ट्रम्प ने अपनी जीत के बाद बातचीत की है।
ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी की चुनावी जीत
बुधवार को आए चुनावी नतीजों में ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी ने 50 राज्यों की 538 सीटों में से 295 सीटें हासिल की हैं। बहुमत के लिए 270 सीटें जरूरी होती हैं, और इस जीत के साथ ट्रम्प ने बहुमत प्राप्त कर लिया है। वहीं, डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रत्याशी कमला हैरिस को 226 सीटें ही मिल पाई हैं। हालांकि, एरिजोना और नेवाडा में अभी भी काउंटिंग जारी है, जिनमें कुल 17 इलेक्टोरल वोट्स हैं।
कमला हैरिस ने मानी हार, कहा – “इसकी उम्मीद नहीं थी”
हार के बाद कमला हैरिस ने वॉशिंगटन डीसी में स्थित हावर्ड यूनिवर्सिटी में भाषण दिया। उन्होंने कहा, “इस चुनाव का नतीजा वह नहीं है जिसकी मुझे उम्मीद थी, या जिसके लिए हमने मेहनत की थी। लेकिन हम कभी हार नहीं मानेंगे और अपने सिद्धांतों के लिए लड़ते रहेंगे। यह समय हमारे हाथ खड़े करने का नहीं है, बल्कि मजबूती से खड़े होने का है।” उन्होंने लोगों से निराश न होने की अपील की और स्वतंत्रता और न्याय के लिए एकजुट होने की बात कही।
चार साल के अंतराल के बाद ट्रम्प फिर बने राष्ट्रपति
डोनाल्ड ट्रम्प 2016 में पहली बार राष्ट्रपति बने थे, लेकिन 2020 के चुनाव में जो बाइडेन से हार गए थे। ताजा नतीजों के बाद ट्रम्प दूसरे विश्व युद्ध के बाद पहले ऐसे नेता बन गए हैं, जिन्होंने चार साल के अंतराल के बाद दोबारा राष्ट्रपति पद हासिल किया है। यह अमेरिकी इतिहास में एक विशेष घटना है और इसे ट्रम्प की ऐतिहासिक जीत माना जा रहा है।
सीनेट में रिपब्लिकन पार्टी को मिला बहुमत
इस बार के चुनावों में राष्ट्रपति पद के साथ-साथ संसद के दोनों सदनों, सीनेट और हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव के भी चुनाव हुए। सीनेट को अमेरिका की संसद का ऊपरी सदन कहा जाता है। इसमें हर राज्य के लिए दो सीटें होती हैं, जिन पर चुनाव होते रहते हैं। इस बार सीनेट की 34 सीटों पर चुनाव हुए, और ताजा नतीजों के अनुसार, रिपब्लिकन पार्टी ने 54 सीटें हासिल कर ली हैं, जो बहुमत के बराबर है। इससे पहले उनके पास 49 सीटें थीं।
अमेरिका में सीनेट को अधिक ताकतवर माना जाता है, क्योंकि इसे महाभियोग और विदेशी समझौतों जैसे अहम मसलों पर फैसले लेने का अधिकार है। सीनेट के सदस्य छह साल के लिए चुने जाते हैं, जबकि हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव के सदस्य केवल दो साल के लिए चुने जाते हैं।
हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव में भी रिपब्लिकन पार्टी बहुमत के करीब
हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव में कुल 435 सीटें होती हैं और बहुमत के लिए 218 सीटें आवश्यक होती हैं। रिपब्लिकन पार्टी ने अब तक 204 सीटें हासिल कर ली हैं जबकि डेमोक्रेटिक पार्टी के पास 189 सीटें हैं। हालांकि सीनेट को ताकतवर माना जाता है, लेकिन सरकार चलाने में दोनों सदनों की भूमिका बराबर की होती है और किसी भी विधेयक को पास कराने के लिए दोनों सदनों में बहुमत आवश्यक होता है।
अमेरिका का अनोखा इलेक्टोरल सिस्टम
अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में सीधे उम्मीदवारों को वोट नहीं किया जाता है। इसके बजाय, इलेक्टर्स का चुनाव किया जाता है जो राष्ट्रपति के पक्ष में वोट करते हैं। हर राज्य में इलेक्टर्स की संख्या तय होती है और जिस उम्मीदवार को राज्य में सबसे ज्यादा वोट मिलते हैं, उसके पक्ष में पूरे राज्य के इलेक्टोरल वोट चले जाते हैं।
उदाहरण के लिए, अगर पेंसिलवेनिया में रिपब्लिकन पार्टी को 9 वोट्स और डेमोक्रेटिक पार्टी को 8 वोट्स मिलते हैं, तो पूरे 19 इलेक्टोरल वोट्स रिपब्लिकन पार्टी को मिल जाएंगे। हालांकि, नेब्रास्का और मेन राज्य में इलेक्टोरल वोट्स का वितरण अलग तरीके से होता है, जहाँ दोनों पार्टियों को अपनी-अपनी सीटें मिलती हैं।
मस्क को ट्रम्प की जीत से मिलेगी सहायता
स्पेसएक्स और टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने इस चुनाव में ट्रम्प का खुलकर समर्थन किया और उन्हें आर्थिक मदद के अलावा रैलियों में भी उनका समर्थन किया। अब यह चर्चा है कि ट्रम्प की जीत के बाद मस्क की कंपनियों को कई प्रकार की कानूनी और व्यवसायिक सुविधाएँ मिलेंगी। मस्क की कंपनी स्पेसएक्स को नए कॉन्ट्रैक्ट मिलने की संभावना है, और मस्क की सेल्फ-ड्राइविंग विजन और रोबोट टैक्सी योजनाओं को हरी झंडी मिलने की उम्मीद की जा रही है।
भारतवंशी विवेक रामास्वामी और अन्य की संभावित भूमिका
ट्रम्प के प्रशासन में कुछ प्रमुख भारतीय-अमेरिकी नेताओं को भी बड़ी जिम्मेदारियाँ मिलने की संभावना है। भारतवंशी विवेक रामास्वामी, जिन्हें ट्रम्प पहले ही सराह चुके हैं, को कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है। इसके अलावा, रक्षा और खुफिया क्षेत्र में अनुभव रखने वाले काश पटेल को राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण पद मिल सकते हैं।
निष्कर्ष
डोनाल्ड ट्रम्प की यह ऐतिहासिक जीत न केवल अमेरिकी राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ है, बल्कि यह भारतीय-अमेरिकी संबंधों के लिए भी एक नई उम्मीद लेकर आई है। PM मोदी द्वारा ट्रम्प को दी गई बधाई और दोनों नेताओं के बीच हुई बातचीत इस बात का संकेत है कि दोनों देश भविष्य में शांति और समृद्धि के लिए मिलकर काम करेंगे।
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