Punjab Mein Pitbull ka Kahar – घर से बाहर निकलने में डर! खतरनाक कुत्तों से सहमी पंजाब की जनता
Punjab Mein Pitbull ka Kahar – पंजाब के गांव हसनपुर और करीमपुरा में इन दिनों खतरनाक कुत्तों का आतंक छाया हुआ है। ये खूंखार कुत्ते न केवल इंसानों बल्कि छोटे जानवरों को भी निशाना बना रहे हैं। किसान लाल सिंह के मुताबिक, ये कुत्ते उनके फार्म पर कई बछड़ों और एक नवजात भैंस के बच्चे को अपना शिकार बना चुके हैं। इस भयावह स्थिति से स्थानीय लोग और पशुपालक बुरी तरह परेशान हैं।
राहगीरों और बच्चों की सुरक्षा खतरे में
लाल सिंह ने बताया कि ये कुत्ते इतने खतरनाक हैं कि अकेले राहगीरों, बच्चों, और छोटे जानवरों पर हमला कर देते हैं। इस डर से फार्म के कर्मचारी भी वहां जाने से कतरा रहे हैं। गुरुद्वारों में इन कुत्तों से बचाव के लिए विशेष घोषणाएं की जा रही हैं ताकि लोगों को सतर्क किया जा सके।
प्रशासन से मदद की गुहार
लाल सिंह और गांववासियों ने प्रशासन से अपील की है कि इन खतरनाक कुत्तों को पकड़कर इलाके में राहत दी जाए। वैटर्नरी इंस्पेक्टर सुखविंदर पाल सिंह ने बताया कि उनकी टीम ने लुधियाना नगर निगम के साथ मिलकर इन कुत्तों के ठिकाने का पता लगाया है। ये कुत्ते ज्यादातर रेलवे लाइनों के पास पराली में रात गुजारते हैं और दिन में गांवों में घूमते हैं।
नसबंदी कार्यक्रम की तैयारी
17 जनवरी को गांववासियों और प्रशासन के सहयोग से इन कुत्तों को पकड़ने की योजना बनाई गई है। पकड़े गए कुत्तों को हैबोवाल में ए.बी.सी. (Animal Birth Control) प्रोग्राम के तहत नसबंदी की जाएगी। इससे कुत्तों की संख्या को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।
गुरुद्वारों से सावधानी की अपील
गुरुद्वारों में विशेष घोषणाएं की जा रही हैं ताकि लोग इन कुत्तों से बचाव कर सकें। किसान लाल सिंह ने आसपास के गांवों के निवासियों से अपील की है कि वे सतर्क रहें और खतरनाक कुत्तों के करीब जाने से बचें।
किसानों का विरोध और हड़ताल की चेतावनी
किसान यूनियन के अध्यक्ष जगरूप सिंह ने डिप्टी कमिश्नर और प्रशासन से मांग की है कि इन खतरनाक कुत्तों को मारने का आदेश दिया जाए। उनका कहना है कि अगर ऐसा नहीं किया गया, तो वे रविवार को लुधियाना-फिरोजपुर राष्ट्रीय राजमार्ग जाम कर देंगे।
ग्रामीणों में डर का माहौल
इन घटनाओं के कारण गांव पामल, भनहोड़, हसनपुर, करीमपुरा और आसपास के इलाकों में भय का माहौल है। लोग घर से बाहर निकलने में भी डर रहे हैं। किसानों और ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन को जल्द से जल्द इन कुत्तों से छुटकारा दिलाना चाहिए ताकि लोग सुरक्षित महसूस कर सकें।
समाधान की राह तलाशते ग्रामीण
इस समस्या का समाधान निकालने के लिए प्रशासन और ग्रामीणों को मिलकर प्रयास करना होगा। कुत्तों की नसबंदी और ठिकानों पर निगरानी से इस संकट को नियंत्रित किया जा सकता है।
क्या प्रशासन इन खतरनाक कुत्तों से गांववासियों को राहत दिला पाएगा? क्या किसान यूनियन का विरोध असर दिखाएगा? इन सवालों का जवाब आने वाले दिनों में मिलेगा। तब तक, सतर्क रहना ही सबसे बेहतर उपाय है।
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