Naga Sadhu in Mahakumbh 2025 – ठंड में बिना कपड़ों के रहने का रहस्य
Naga Sadhu in Mahakumbh 2025 – नागा साधुओं को देखकर यह सवाल उठता है कि वे कड़ाके की ठंड में भी बिना कपड़ों के कैसे रह पाते हैं? यह अद्भुत क्षमता सदियों से लोगों को हैरान करती आई है।
वास्तव में, ये साधु अपनी शारीरिक और मानसिक अनुशासन के माध्यम से ठंड को सहजता से सहन करते हैं। आइए जानें कि उनकी यह शक्ति कैसे काम करती है।
अग्नि साधना: शरीर के अंदर की आग
नागा साधुओं की सबसे बड़ी ताकत उनकी अग्नि साधना है। वे अपने शरीर के भीतर अग्नि तत्व को सक्रिय करने के लिए विशेष ध्यान तकनीकों का पालन करते हैं।
इस साधना से शरीर में आंतरिक गर्मी उत्पन्न होती है, जो ठंड के बावजूद उन्हें गर्म रखती है। ध्यान में गहरी एकाग्रता से उनका शरीर प्राकृतिक ऊर्जा को अपने भीतर संचित कर लेता है, जो कड़ाके की ठंड में भी उन्हें गरम रखती है।
नाड़ी शोधन: प्राणायाम का चमत्कार
नाड़ी शोधन (प्राणायाम) एक प्राचीन योग तकनीक है जो शरीर में वायु प्रवाह को संतुलित करती है। नागा साधु इस तकनीक का नियमित अभ्यास करते हैं, जिससे उनका शरीर अपने तापमान को नियंत्रित कर सकता है।
नाड़ी शोधन से प्राण ऊर्जा (वायुमंडलीय जीवन शक्ति) शरीर में प्रवाहित होती है, जिससे वे ठंड के प्रभाव से बच पाते हैं। यह साधना उन्हें मानसिक शांति और शारीरिक संतुलन बनाए रखने में मदद करती है।
राख का कवच: प्राकृतिक इन्सुलेटर
आपने देखा होगा कि नागा साधु अपने शरीर पर राख लगाते हैं। यह राख एक प्राकृतिक इन्सुलेटर की तरह काम करती है। राख में ऐसे खनिज तत्व होते हैं जैसे कैल्शियम, फॉस्फोरस और पोटेशियम, जो शरीर को गर्म रखने में मदद करते हैं।
यह राख शरीर से नकारात्मक ऊर्जा को भी निकालने में मदद करती है, और शरीर को ठंडी हवाओं से बचाने के लिए एक सुरक्षा कवच का काम करती है।
जीवनशैली और अनुशासन
नागा साधुओं का जीवन अत्यंत अनुशासित और साधना से भरा हुआ होता है। वे प्रतिदिन योग, ध्यान और प्राणायाम का अभ्यास करते हैं। उनकी यह जीवनशैली उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत बनाती है, जिससे वे कठिनतम परिस्थितियों में भी अपने शरीर और मस्तिष्क को नियंत्रण में रख पाते हैं। यह अनुशासन उन्हें बाहरी ठंड और आंतरिक उथल-पुथल से मुक्त रखता है।
मन की शक्ति
नागा साधुओं का विश्वास है कि मन की शक्ति किसी भी शारीरिक संकट से बड़ी होती है। वे अपने मन और मानसिक स्थितियों पर पूर्ण नियंत्रण रखते हैं।
उनका मानना है कि मन की शक्ति के माध्यम से वे अपने शरीर के तापमान को नियंत्रित कर सकते हैं। यह मानसिक शक्ति ही उन्हें कड़ाके की ठंड में निर्वस्त्र रहने की क्षमता प्रदान करती है।
निष्कर्ष:
नागा साधुओं की यह अद्भुत शक्ति केवल शारीरिक या मानसिक ही नहीं, बल्कि एक गहरे और निरंतर साधना का परिणाम है। उनकी अग्नि साधना, प्राचीन योग तकनीकों, जीवनशैली, और मानसिक शक्ति का संयोजन उन्हें ठंड जैसे तत्वों से लड़ने की अद्वितीय क्षमता प्रदान करता है।
महाकुंभ 2025 में इस शक्ति का प्रदर्शन करते हुए, नागा साधु अपनी साधना और अनुशासन के माध्यम से दुनिया को यह दिखाते हैं कि शारीरिक सीमा केवल मानसिक दृढ़ता के आगे कमजोर होती है।
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