Society of Indian Automobile Manufacturers

Society of Indian Automobile Manufacturers: दाम बढ़ने के बावजूद इस साल बिकेंगे रिकॉर्ड 45 लाख यात्री वाहन, एसयूवी की सबसे ज्यादा डिमांड

Society of Indian Automobile Manufacturers: दाम बढ़ने के बावजूद इस साल बिकेंगे रिकॉर्ड 45 लाख यात्री वाहन, एसयूवी की सबसे ज्यादा डिमांड

भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग के लिए 2025 एक ऐतिहासिक साल होने वाला है। सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) के अनुसार, इस साल 45 लाख यात्री वाहनों की बिक्री का रिकॉर्ड बन सकता है। यह आंकड़ा पिछले वर्षों की तुलना में काफी बड़ा है, भले ही कारों की कीमतों में बढ़ोतरी जारी है।

वाहनों की बढ़ती कीमतें

वाहन उद्योग के विश्लेषकों का कहना है कि 2024 में महंगी कारों की औसत कीमत ₹90 लाख थी, जो 2025 में ₹1 करोड़ तक पहुंच सकती है। वहीं, आम कारों की औसत कीमतें 2024 में ₹11.64 लाख से बढ़कर 2025 में ₹13 लाख हो सकती हैं।

बढ़ती लागत और महंगे इनपुट मैटेरियल के कारण वाहन निर्माताओं ने कीमतों में 2-4% की बढ़ोतरी की है। इसके बावजूद, उपभोक्ताओं की मांग में कोई कमी नहीं आई है, और बाजार सकारात्मक बना हुआ है।

एसयूवी बनी सबसे लोकप्रिय सेगमेंट

स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल (एसयूवी) भारतीय बाजार में सबसे ज्यादा बिकने वाला सेगमेंट बना हुआ है।

एसयूवी की डिमांड: एसयूवी का दमदार डिजाइन, बड़ी जगह, और फीचर्स इसे भारतीय उपभोक्ताओं की पहली पसंद बना रहे हैं।

छोटी कारों और दोपहिया वाहनों की मांग: एसयूवी के साथ-साथ छोटी कारों और दोपहिया वाहनों की बिक्री में भी सुधार की उम्मीद है, खासकर ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में।

2024 में औसत कीमतों का आंकड़ा 

पिछले कुछ वर्षों में कारों की औसत कीमतों में लगातार इजाफा हुआ है:

2021: ₹9.3 लाख

2022: ₹10.4 लाख

2023: ₹11.4 लाख

2024: ₹11.6 लाख

वहीं, लग्जरी कारों के दामों में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है:

2021: ₹68.90 लाख

2022: ₹74.20 लाख

2023: ₹81.8 लाख

2024: ₹90.10 लाख

2025 में इन कीमतों में और इजाफा होने की संभावना है।

उपभोक्ताओं की सकारात्मक धारणा

SIAM के अध्यक्ष शैलेश चंद्रा ने बताया कि 2024 में उपभोक्ताओं की सकारात्मक भावनाएं और भारत की स्थिर आर्थिक स्थिति ने ऑटो उद्योग के विकास को गति दी।

आर्थिक स्थिरता: भारत की मजबूत अर्थव्यवस्था ने ग्राहकों को बड़े खर्च करने के लिए प्रेरित किया।

नए फीचर्स: वाहन निर्माताओं ने ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए नए फीचर्स और टेक्नोलॉजी वाले मॉडल पेश किए।

कार कंपनियों का रणनीतिक रुख

वाहन कंपनियां लगातार ऐसे मॉडल पेश कर रही हैं जो ग्राहकों की जरूरतों और बजट को ध्यान में रखते हुए बनाए गए हैं।

कीमतों में संतुलन: कंपनियां फीचर्स और लागत के बीच संतुलन बनाने की कोशिश कर रही हैं।

नवाचार पर जोर: इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) और हाइब्रिड कारों की बढ़ती मांग को देखते हुए कंपनियां इनोवेशन पर निवेश बढ़ा रही हैं।

ग्रामीण बाजार में विस्तार: ग्रामीण क्षेत्रों में भी वाहन खरीदारी में वृद्धि देखी जा रही है।

दिसंबर तिमाही का प्रभाव

2024 की अंतिम तिमाही में ग्राहकों के बीच वाहन खरीदारी को लेकर उत्साह देखा गया। इस सकारात्मक रुख का असर 2025 में भी जारी रहने की उम्मीद है।

निष्कर्ष

दामों में बढ़ोतरी के बावजूद भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग 2025 में नया रिकॉर्ड बनाने की राह पर है। SIAM का अनुमान है कि 45 लाख यात्री वाहनों की बिक्री एक बड़ी उपलब्धि होगी। खासतौर पर एसयूवी की बढ़ती डिमांड, सकारात्मक उपभोक्ता भावना, और भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिरता ने इस वृद्धि को संभव बनाया है।

अगर यह ट्रेंड जारी रहता है, तो भारत का ऑटोमोबाइल सेक्टर न केवल घरेलू बाजार में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी छाप छोड़ने के लिए तैयार है।

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