New Collector Rate in Chandigarh – प्रॉपर्टी बाजार पर पड़ेगा बड़ा असर
New Collector Rate in Chandigarh – चंडीगढ़ में 1 अप्रैल 2025 से नए कलेक्टर रेट लागू होंगे, जिससे जमीनों और संपत्तियों की कीमतों में भारी इजाफा होगा। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में जमीनों के रेट तीन से चार गुना तक बढ़ाए गए हैं, जबकि सेक्टर-1 से 12 में रेट डेढ़ गुना तक बढ़ गए हैं। औद्योगिक क्षेत्रों और व्यावसायिक संपत्तियों पर भी इस वृद्धि का असर पड़ेगा।
कलेक्टर रेट में बड़ा बदलाव
चार साल बाद यूटी प्रशासन ने कलेक्टर रेट को संशोधित किया है। इससे पहले 2021 और 2017 में इन दरों में बदलाव किया गया था। इस बार औद्योगिक, आवासीय और व्यावसायिक संपत्तियों के दामों में 10% से 438% तक की बढ़ोतरी हुई है।
औद्योगिक क्षेत्रों में कलेक्टर रेट की बढ़ोतरी
इंडस्ट्रियल एरिया फेज 1 और 2:
- पहले: ₹62,599 प्रति वर्ग गज
- अब: ₹83,100 प्रति वर्ग गज (7% वृद्धि)
- इंडस्ट्रियल एरिया फेज 3 (पहली बार तय किए गए रेट)
- ₹62,600 प्रति वर्ग गज
कोल डिपो, चक्की साइट, आयरन मार्केट, ट्रांसपोर्ट एरिया:
- पहले: ₹92,664 प्रति वर्ग गज
- अब: ₹98,800 प्रति वर्ग गज (6% वृद्धि)
सेक्टर-1 से 12 में डेढ़ गुना तक महंगी हुई जमीनें
आवासीय क्षेत्र:
पहले: ₹78,250 प्रति वर्ग गज
अब: ₹1,78,600 प्रति वर्ग गज (128% वृद्धि)
सेक्टर 14-37:
पहले: ₹74,338 प्रति वर्ग गज
अब: ₹1,47,600 प्रति वर्ग गज (98.5% वृद्धि)
ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे ज्यादा असर, 438% तक की वृद्धि
ग्रामीण आवासीय क्षेत्र (आबादी देह)
पहले: ₹12,870 प्रति वर्ग गज
अब: ₹53,600 प्रति वर्ग गज (316% वृद्धि)
ग्रामीण व्यावसायिक क्षेत्र:
पहले: ₹26,770 प्रति वर्ग गज
अब: ₹1,44,100 प्रति वर्ग गज (438% वृद्धि)
कलेक्टर रेट में वृद्धि का असर
प्रॉपर्टी बाजार महंगा होगा – रियल एस्टेट निवेशकों को अधिक कीमत चुकानी पड़ेगी, जिससे बिक्री धीमी हो सकती है।
रजिस्ट्रेशन और स्टांप ड्यूटी महंगी होगी – कलेक्टर रेट बढ़ने से संपत्तियों की रजिस्ट्री पर अधिक खर्च आएगा।
ग्रामीण इलाकों में तेजी से शहरीकरण हो सकता है – जमीन की कीमत बढ़ने से गांवों में नई डेवलपमेंट योजनाओं को बढ़ावा मिल सकता है।
औद्योगिक और व्यावसायिक निवेश पर प्रभाव – इंडस्ट्रियल एरिया और मार्केट स्पेस की कीमत बढ़ने से नए निवेशकों के लिए लागत बढ़ सकती है।
जनता से राय मांगी गई
प्रशासन ने जनता से 20 मार्च तक सुझाव और आपत्तियां देने को कहा है। लोग ईमेल (dc-chd@nic.in) या डीसी ऑफिस में जाकर फीडबैक दे सकते हैं। हालांकि, संभावना है कि तय की गई दरों में ज्यादा बदलाव नहीं होगा।
क्या प्रॉपर्टी बाजार पर पड़ेगा मंदी का असर?
रियल एस्टेट विशेषज्ञों के अनुसार, इतनी बड़ी वृद्धि से प्रॉपर्टी मार्केट धीमा पड़ सकता है।
- खरीदारों को ज्यादा कीमत चुकानी पड़ेगी, जिससे संपत्ति खरीदने की दर कम हो सकती है।
- औद्योगिक क्षेत्र में निवेश महंगा होने से व्यापारिक गतिविधियां प्रभावित हो सकती हैं।
अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या सरकार जनता की राय के आधार पर इन दरों में कुछ बदलाव करेगी या नहीं।
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