Adani Reaction on Hindenburg – हिंडनबर्ग रिसर्च के बंद होने पर अडानी समूह का तीखा प्रतिक्रिया
Adani Reaction on Hindenburg – अमेरिकी शॉर्ट-सेलर कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च के बंद होने की घोषणा के बाद, अडानी समूह ने इस पर तीखी और व्यंग्यात्मक प्रतिक्रिया दी है। अडानी ग्रुप के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर (CFO) जुगेशिंदर सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपने पोस्ट में लिखा:
“कितने गाजी आए, कितने गाजी गए…”
यह बयान हिंडनबर्ग रिसर्च के खिलाफ उनकी नाराजगी और समूह पर हुए हमले के अंत का जश्न मनाने का प्रतीक माना जा रहा है।
जनवरी 2023 में हिंडनबर्ग की रिपोर्ट का असर
जनवरी 2023 में आई हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट ने अडानी समूह को तगड़ा झटका दिया था।
रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर वित्तीय अनियमितताओं और ओवरवैल्यूएशन का आरोप लगाया गया था।
इसके परिणामस्वरूप, अडानी समूह के शेयरों की कीमत में भारी गिरावट दर्ज की गई।
20 लाख करोड़ रुपये की बाजार पूंजीकरण वाला समूह फरवरी 2023 तक गिरकर 7-7.5 लाख करोड़ रुपये पर आ गया।
इस गिरावट ने भारतीय शेयर बाजार को भी प्रभावित किया।
CFO जुगेशिंदर सिंह की प्रतिक्रिया
जुगेशिंदर सिंह ने हिंडनबर्ग रिसर्च के बंद होने को समूह पर विदेशी हमलों के अंत के रूप में दर्शाया।
उनका पोस्ट भारतीयता और अडानी समूह की सहनीयता और मजबूती का संकेत देता है।
इससे पहले, उन्होंने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को गैर-पेशेवर और एकतरफा बताया था, जिसमें अडानी समूह से तथ्यों को वेरिफाई नहीं किया गया था।
नाथन एंडरसन और हिंडनबर्ग का समापन
हिंडनबर्ग रिसर्च के संस्थापक नाथन एंडरसन ने एक नोट में कहा कि उन्होंने अपने परिवार, दोस्तों और टीम के साथ यह फैसला किया है।
उन्होंने बताया कि कंपनी को बंद करने का निर्णय तब लिया गया, जब उन्होंने अपनी इन्वेस्टिगेटिव आइडिया की पाइपलाइन को पूरा कर लिया।
क्या कहता है यह घटनाक्रम?
हिंडनबर्ग रिसर्च का बंद होना अडानी समूह के लिए राहत की तरह देखा जा सकता है।
अडानी समूह ने इसे अपनी वैश्विक आलोचना के अंत के तौर पर प्रस्तुत किया।
जुगेशिंदर सिंह का बयान दर्शाता है कि समूह को अब भारतीय बाजार में पुनः विश्वास बहाल करने का मौका मिलेगा।
अडानी समूह के लिए आगे का रास्ता
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के प्रभाव के बाद, अडानी समूह ने:
पारदर्शिता बढ़ाने और अपने कॉरपोरेट गवर्नेंस को सुधारने के प्रयास किए।
नई परियोजनाओं और निवेशों के जरिए बाजार में अपनी पकड़ को मजबूत किया।
हिंडनबर्ग के बंद होने के साथ, यह देखना दिलचस्प होगा कि अडानी समूह नए वैश्विक अवसरों को कैसे भुनाता है।
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