BSNL की D2D टेक्नोलॉजी से एयरटेल और रिलायंस जियो को टक्कर देने की तैयारी
भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) ने दूरसंचार क्षेत्र में एक नया अध्याय जोड़ने की तैयारी कर ली है। कंपनी ने हाल ही में इंडिया मोबाइल कांग्रेस में अपनी अत्याधुनिक डायरेक्ट-टू-डिवाइस (डी2डी) तकनीक का सफल प्रदर्शन किया। यह तकनीक दूरसंचार क्षेत्र में एक नई क्रांति का आगाज़ करने वाली है, जिससे मोबाइल नेटवर्क या सिम कार्ड के बिना भी संचार संभव हो सकेगा।
बीएसएनएल ने इस नवीन तकनीक का परीक्षण वायासैट के सहयोग से शुरू कर दिया है। यह तकनीक स्मार्टफोन और अन्य मोबाइल उपकरणों को सीधे उपग्रह नेटवर्क से जोड़ने में सक्षम है। इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें पारंपरिक मोबाइल नेटवर्क की आवश्यकता नहीं होती। उपभोक्ता बिना सिम कार्ड के भी ऑडियो और वीडियो कॉल कर सकेंगे, जो कि वर्तमान दूरसंचार व्यवस्था में एक महत्वपूर्ण बदलाव है।
बाजार में बीएसएनएल की इस पहल से प्रतिस्पर्धा बढ़ने की संभावना है। भारती एयरटेल और रिलायंस जियो जैसी प्रमुख टेलीकॉम कंपनियां भी उपग्रह आधारित संचार सेवाओं पर काम कर रही हैं। यह प्रतिस्पर्धा अंततः उपभोक्ताओं के लिए लाभदायक साबित होगी।
कंपनी के विकास की बात करें तो पिछली तिमाही में बीएसएनएल ने उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की है। दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के अनुसार, कंपनी ने पिछली तिमाही में लगभग 60 लाख नए ग्राहक जोड़े हैं। पिछले दो वर्षों से कंपनी परिचालन लाभ भी अर्जित कर रही है। विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि बीएसएनएल देश के दूरदराज के क्षेत्रों में भी अपनी सेवाएं प्रदान कर रही है।
बीएसएनएल की विकास रणनीति में स्वदेशी तकनीक का उपयोग एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। सिंधिया के अनुसार, कंपनी ने विदेशी उपकरणों पर निर्भरता कम करने का चुनौतीपूर्ण मार्ग चुना है। वे भारतीय उपकरणों के माध्यम से अपने सभी ग्राहकों को 4जी सेवाएं प्रदान करने की योजना बना रहे हैं।
ग्राहक सुविधा को ध्यान में रखते हुए, बीएसएनएल ने एटीएम जैसी सिम वेंडिंग मशीनें स्थापित करने की योजना भी बनाई है। ये मशीनें रेलवे स्टेशनों और हवाई अड्डों जैसे व्यस्त स्थानों पर लगाई जाएंगी। ग्राहक इन मशीनों या सेल्फ केयर ऐप के माध्यम से आसानी से सिम कार्ड प्राप्त कर सकेंगे। यह सुविधा विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभदायक होगी जो बीएसएनएल के कार्यालयों में जाने से बचना चाहते हैं।
कंपनी अपनी सेवाओं की गुणवत्ता में भी सुधार कर रही है। स्पैम कॉल्स की समस्या से निपटने के लिए बीएसएनएल कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) का उपयोग करने की योजना बना रही है। यह कदम नेटवर्क की विश्वसनीयता बढ़ाने में मददगार साबित होगा।
इस प्रकार, बीएसएनएल की नई डी2डी तकनीक और विकास योजनाएं भारतीय दूरसंचार क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत का संकेत हैं। यह न केवल कंपनी के लिए बल्कि समूचे देश के डिजिटल विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। बीएसएनएल की यह पहल देश के दूरसंचार क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा को बढ़ाएगी और अंततः उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं प्राप्त करने में मदद करेगी।
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