Burai ki Kahani - बुरे काम का बुरा नतीजा

Burai ki Kahani – बुरे काम का बुरा नतीजा

Burai ki Kahani – बुरे काम का बुरा नतीजा

Burai ki Kahani – इस बार की ठंड ढोलकपुर जंगल में पहले से कहीं ज्यादा थी। सभी जानवर, जैसे गज्जू हाथी, कू-कू कोयल, ब्लैकी कौआ, चंपू गधा, मोंटी बंदर और चम्पा लोमड़ी, गरम-गरम घर बनाने में व्यस्त थे। इसी बीच, चीकू खरगोश का घर तैयार हो गया, और वह खुशी-खुशी उसमें रहने लगा।

एक दिन चम्पा लोमड़ी चीकू के पास आई और बोली, “चीकू, तुमने कितना बढ़िया घर बनाया है। ठंड से बचने के लिए तुमने सचमुच समझदारी दिखायी। मुझे भी ठंड बहुत लग रही है, क्या तुम मुझे कुछ दिनों के लिए अपने घर में रहने की इजाजत दोगे?” चीकू खरगोश उसकी बात मान गया और उसे अपने घर में रहने दिया।

कुछ दिन चम्पा लोमड़ी चीकू के घर में आराम से रही, लेकिन फिर उसे एक चालाकी सूझी। उसने सोचा, “अगर चीकू खरगोश को बाहर निकाल दिया जाए, तो मुझे उसका घर मिल जाएगा, और मुझे खाना भी नहीं बनाना पड़ेगा।” इस सोच के साथ, चम्पा ने चीकू से कह दिया, “तुम बहुत परेशानी में हो, अब तुम यहाँ से बाहर निकल जाओ।”

चीकू खरगोश बहुत दुखी हुआ, “ठंड में मैं कहाँ जाऊं?” लेकिन चम्पा ने उसकी एक न सुनी। मजबूरी में, चीकू को घर छोड़ना पड़ा। वह मोंटी बंदर के पास गया और चम्पा के बारे में सब कुछ बताया। मोंटी ने चम्पा को डांटा और उसे बाहर निकालने का फैसला किया।

लेकिन जैसे ही मोंटी चम्पा से गुस्से में बात करता है, चम्पा लोमड़ी ने उसे अपने घर में रहने का प्रस्ताव दिया। मोंटी भी उसके घर में रहने लग गया। फिर ब्लैकी कौआ भी चीकू के पास आया, और जब उसने चम्पा को डांटा, तो चम्पा ने उसे भी अपने घर में रहने का कहा। अब चीकू खरगोश को समझ में आ गया था कि चम्पा सभी को अपने साथ अपने घर में रखना चाहती थी।

चीकू को गज्जू हाथी का ख्याल आया, जो ढोलकपुर का सबसे समझदार जानवर था। वह डरते हुए गज्जू के पास गया और सब बताने लगा। तभी चम्पा की आवाज सुनाई दी, “गज्जू दादा, तुम भी हमारे घर में रह सकते हो, मैंने आज गाजर का हलवा भी बनाया है।” जैसे ही गज्जू अंदर गया, चीकू का घर टूट गया। सभी जानवर बाहर आकर चिल्लाए, “गज्जू दादा, तुमने क्या किया?”

गज्जू हाथी ने calmly जवाब दिया, “क्या ठंड सिर्फ तुम्हारे लिए है, चीकू खरगोश के लिए नहीं?” फिर गज्जू ने चीकू से कहा, “तुम जब तक अपना नया घर नहीं बना लेते, तब तक मेरे साथ रह सकते हो। और एक बात ध्यान रखना—अब से किसी की बातों में आने से पहले उसका अच्छा-बुरा सोच लेना।”

मोरल: हमें कभी भी किसी के साथ बुरा नहीं करना चाहिए, क्योंकि बुरे काम का नतीजा हमेशा बुरा ही होता है।

Thanks for visiting – Chandigarh News

Summary
Burai ki Kahani - बुरे काम का बुरा नतीजा
Article Name
Burai ki Kahani - बुरे काम का बुरा नतीजा
Description
Burai ki Kahani - बुरे काम का बुरा नतीजा
Author
Publisher Name
Chandigarh News
Publisher Logo

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *