Finland VS Russia

Finland VS Russia – फिनलैंड ने रूसी जहाज को हिरासत में लिया: समुद्री विद्युत केबल काटने का आरोप

Finland VS Russia – फिनलैंड ने रूसी जहाज को हिरासत में लिया: समुद्री विद्युत केबल काटने का आरोप

Finland VS Russia – फिनलैंड ने रूस के एक तेल टैंकर को हिरासत में लिया है, जिस पर फिनलैंड और एस्तोनिया के बीच समुद्र के नीचे बिजली आपूर्ति करने वाली ‘एस्टलिंक-2’ केबल को काटने का आरोप है। इस घटना ने क्षेत्रीय सुरक्षा और ऊर्जा आपूर्ति को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा कर दी हैं।

क्या है मामला?

घटना का समय और संदर्भ

बुधवार को फिनलैंड और एस्तोनिया के बीच समुद्री विद्युत केबल एस्टलिंक-2 का संपर्क टूट गया था।

इस संपर्क टूटने के कारणों की जांच के दौरान ईगल एस नामक टैंकर को संदिग्ध माना गया।

जहाज की जानकारी

यह जहाज सेंट पीटर्सबर्ग (रूस) से पोर्ट सईद (मिस्र) की ओर जा रहा था।

अधिकारियों को शक है कि यह जहाज पश्चिमी प्रतिबंधों से बचने के लिए इस्तेमाल होने वाले रूसी शैडो बेड़े का हिस्सा हो सकता है।

विद्युत आपूर्ति पर प्रभाव

फिनलैंड की प्रधानमंत्री ने पुष्टि की कि एस्टलिंक-2 केबल के टूटने से बिजली की आपूर्ति पर कोई सीधा असर नहीं पड़ा।

हालांकि, समुद्री केबल की मरम्मत और जांच को प्राथमिकता दी गई।

एस्टलिंक-2 केबल की जानकारी

कुल क्षमता: 650 मेगावाट

लंबाई: 170 किलोमीटर (145 किमी समुद्र के नीचे, 14 किमी फिनलैंड की ओवरहेड लाइन, और 12 किमी एस्तोनिया में भूमिगत)

यह कनेक्शन फिनलैंड और एस्तोनिया के बीच बिजली संचार के लिए महत्वपूर्ण है और अन्य यूरोपीय देशों से भी फिनलैंड को जोड़ता है।

जांच और कार्रवाई

फिनलैंड की पुलिस और ट्रांसमिशन ऑपरेटर (फिनग्रिड और एलरिंग) ने केबल को हुए नुकसान की जांच की।

गुरुवार को फिनलैंड की ट्रांसमिशन कंपनी ने पुष्टि की कि समस्या समुद्र के नीचे की केबल में थी।

आरोपों का महत्व

यह घटना यूरोप में रूस और पश्चिमी देशों के बीच बढ़ते तनाव को दर्शाती है।

ऊर्जा सुरक्षा पर खतरा:

समुद्री केबल को नुकसान पहुंचाने का मतलब ऊर्जा आपूर्ति के साथ-साथ डेटा ट्रांसमिशन के लिए भी खतरा है।

रूस का शैडो बेड़ा:

यह बेड़ा पश्चिमी प्रतिबंधों से बचने और अंतरराष्ट्रीय गतिविधियों को अंजाम देने के लिए उपयोग किया जाता है।

भविष्य की चिंताएं:

अगर इस घटना में रूस की संलिप्तता साबित होती है, तो यह यूरोपीय सुरक्षा के लिए एक बड़ा मुद्दा बन सकता है।

निष्कर्ष

फिनलैंड द्वारा रूसी जहाज को हिरासत में लेने की यह घटना समुद्री बुनियादी ढांचे की सुरक्षा पर सवाल खड़ा करती है। समुद्र के नीचे की केबल्स किसी भी देश के लिए रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण होती हैं। इस मामले की गहन जांच से ही यह स्पष्ट हो सकेगा कि दोषी कौन है और क्या यह घटना जानबूझकर की गई थी।

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