Indian Automobile Sector – तेजी से बढ़ रहा भारत का ऑटोमोबाइल सेक्टर, ‘मेक इन इंडिया’ का जादू
Indian Automobile Sector – भारत का ऑटोमोबाइल सेक्टर न केवल देश की आर्थिक प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है, बल्कि ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत यह क्षेत्र तेजी से वैश्विक पहचान बना रहा है। सरकारी नीतियों और ऑटोमोबाइल कंपनियों की सतत नवाचार पहल से भारत का यह क्षेत्र निरंतर प्रगति के पथ पर है।
हाल ही में आयोजित ‘भारत मोबिलिटी ग्लोबल एक्सपो 2025’ ने इस बात को और मजबूत किया है। यह एक्सपो 17 से 22 जनवरी के बीच तीन स्थानों—भारत मंडपम (नई दिल्ली), यशोभूमि (द्वारका), और इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट (ग्रेटर नोएडा)—पर आयोजित किया गया।
ऑटो सेक्टर और जीडीपी में योगदान
जेएसडब्ल्यू एमजी मोटर इंडिया के मुख्य विकास अधिकारी गौरव गुप्ता ने आईएएनएस से बातचीत में बताया कि भारत का ऑटो सेक्टर देश की मैन्युफैक्चरिंग जीडीपी में लगभग 50 प्रतिशत का योगदान देता है। गुप्ता ने कहा, “ऑटो सेक्टर सही दिशा में बढ़ रहा है, और आने वाले समय में यह भारत की आर्थिक ताकत को और मजबूत करेगा।”
उन्होंने कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ पहल ने न केवल उत्पादन बल्कि निर्यात के क्षेत्र में भी भारतीय ऑटोमोबाइल कंपनियों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। ईवी (इलेक्ट्रिक व्हीकल्स) मैन्युफैक्चरिंग में भारत की प्रगति उल्लेखनीय है और इस क्षेत्र में आगे की संभावनाएं भी प्रबल हैं।
‘मेक इन इंडिया’ और ईवी मैन्युफैक्चरिंग
गौरव गुप्ता ने यह भी साझा किया कि जेएसडब्ल्यू एमजी मोटर इंडिया देश की अग्रणी ईवी मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों में से एक है। उन्होंने कहा, “जनवरी 2020 में हमारी पहली इलेक्ट्रिक व्हीकल, एमजी जेडएस ईवी, लॉन्च की गई थी। अब हमारी 70 प्रतिशत बिक्री ईवी से हो रही है। साथ ही, हम ग्राहकों को लाइफटाइम बैटरी बायबैक की सुविधा भी प्रदान कर रहे हैं।”
ईवी मैन्युफैक्चरिंग का बढ़ता चलन न केवल पर्यावरण को संरक्षित करने में मददगार है, बल्कि यह भारतीय ऑटो सेक्टर को वैश्विक स्तर पर एक नई पहचान भी दिला रहा है।
किआ इंडिया का ‘मेक इन इंडिया’ मॉडल
किआ इंडिया के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट, हरदीप सिंह बरार ने कहा कि कंपनी का लक्ष्य अधिकतम स्थानीयकरण के साथ उत्पादन को बढ़ाना है। उन्होंने बताया, “हमने अब तक 80 प्रतिशत से अधिक स्थानीयकरण हासिल कर लिया है और ईवी के क्षेत्र में इसे और भी बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। इस साल हम भारत में निर्मित पहली ईवी पेश करेंगे।”
बरार ने जोर देकर कहा कि स्थानीय उत्पादन और नवाचार के चलते भारत का ऑटोमोबाइल सेक्टर तेजी से प्रगति कर रहा है।
‘भारत मोबिलिटी ग्लोबल एक्सपो 2025’ का महत्व
यह एक्सपो न केवल भारत में ऑटोमोबाइल के बढ़ते महत्व को दर्शाता है, बल्कि वैश्विक सहयोग और नवाचार को भी प्रोत्साहित करता है। एक्सपो का विषय “सीमाओं से परे: भविष्य की ऑटोमोटिव वैल्यू चेन का सह-निर्माण” था। इसका उद्देश्य टिकाऊ तकनीकों और आधुनिक इनोवेशन को बढ़ावा देना है।
तीन प्रमुख स्थलों पर आयोजित इस इवेंट में देश-विदेश की नामी कंपनियों ने हिस्सा लिया। इसने न केवल तकनीकी विकास पर जोर दिया, बल्कि ऑटोमोबाइल सेक्टर में भविष्य के अवसरों पर भी ध्यान केंद्रित किया।
भविष्य की दिशा
सरकार की मजबूत नीतियों और भारतीय कंपनियों के बढ़ते नवाचार से यह साफ है कि आने वाले समय में भारत का ऑटो सेक्टर वैश्विक स्तर पर बड़ी भूमिका निभाने वाला है। खासतौर पर ईवी मैन्युफैक्चरिंग में भारत अग्रणी बन सकता है। ‘मेक इन इंडिया’ पहल ने भारतीय कंपनियों को नई तकनीकों को अपनाने और वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा करने का आत्मविश्वास दिया है।
भारत का ऑटोमोबाइल सेक्टर अब न केवल देश की आर्थिक वृद्धि का अहम हिस्सा है, बल्कि यह एक हरित और टिकाऊ भविष्य के निर्माण में भी अपनी भूमिका निभा रहा है।
संक्षेप में, ‘मेक इन इंडिया’ पहल ने भारत के ऑटो सेक्टर को न केवल घरेलू बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी नई पहचान दिलाई है। तेजी से बदलते तकनीकी परिवेश में यह क्षेत्र भविष्य के अवसरों को भुनाने के लिए पूरी तरह तैयार है।
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