Japan Advanced Bus Technology – जापान की बस में एडवांस टेक्नोलॉजी देखकर लोग हैरान, ऐसा इंतजाम कि हादसा होना नामुमकिन
Japan Advanced Bus Technology – जापान, जो अपनी उन्नत तकनीक और इनोवेशन के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है, अब अपनी सार्वजनिक बसों में भी अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है। हाल ही में एक वायरल वीडियो में जापान की बसों में इस्तेमाल हो रही तकनीक को दिखाया गया है, जिसे देखकर लोग हैरान हैं।
वायरल वीडियो ने किया सबको हैरान
यह वीडियो इंस्टाग्राम पर ट्रैवल व्लॉगर आकाश ने शेयर किया है, जो इन दिनों जापान की यात्रा कर रहे हैं। इस वीडियो को अब तक 80 लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है और यह सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।
बस की अद्भुत तकनीक
शराब परीक्षण मशीन:
बस के ड्राइवर के पास एक विशेष मशीन लगी होती है, जिसमें उन्हें हर 1-2 घंटे में फूंक मारकर यह साबित करना होता है कि उन्होंने शराब का सेवन नहीं किया है। यदि ड्राइवर के सांस में शराब की मात्रा पाई जाती है, तो बस स्टार्ट नहीं होती। यह तकनीक ड्राइवर की सुरक्षा और यात्रियों के लिए सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करती है।
नींद अलार्म सिस्टम:
ड्राइवर की निगरानी के लिए स्टेयरिंग के पास एक कैमरा लगाया गया है। अगर ड्राइवर ऊंघने लगे या ध्यान भटकने लगे, तो कैमरा अलार्म सिस्टम को ट्रिगर कर देता है और बस में तुरंत अलार्म बज उठता है, जिससे ड्राइवर की नींद टूट जाती है।
कैशलेस टिकट सिस्टम:
इस बस में कंडक्टर की जरूरत नहीं होती। यात्रियों को एक कार्ड स्वाइप या क्यूआर कोड स्कैनर का उपयोग करना होता है, जिससे वे अपने टिकट का भुगतान कर सकते हैं। इसके अलावा, नकद भुगतान पर मशीन से तुरंत चिल्लर भी मिल जाती है, जिससे कोई भी लेन-देन बिना किसी परेशानी के पूरा हो जाता है।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
वीडियो पर लोग मजेदार और चौंकाने वाली प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। एक यूजर ने मजाक करते हुए लिखा, “भारत में तो ड्राइवर पीकर और भी अच्छी बस चलाते हैं!” वहीं, एक अन्य यूजर ने कहा, “ऐसे देश में टैक्स देने का मन और ज्यादा करता है।” हालांकि कुछ यूजर्स को यह सवाल भी था कि, “अगर बस में कोई झगड़ा हो जाए तो कौन सुलझाएगा?”
निष्कर्ष
जापान की यह बस एडवांस टेक्नोलॉजी का बेहतरीन उदाहरण है, जो न केवल यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करती है बल्कि यात्राओं को भी अधिक सुविधाजनक और कैशलेस बनाती है। इस प्रकार की तकनीकी पहलें भविष्य में अन्य देशों में भी अपनाई जा सकती हैं, जिससे सड़क सुरक्षा और यात्री अनुभव को बेहतर बनाया जा सके।
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