Know How to Celebrate Lohri

Know How to Celebrate Lohri – कैसे मनाते हैं लोहड़ी, खुशियां और मिठास का पर्व: धार्मिक महत्व

Know How to Celebrate Lohri – कैसे मनाते हैं लोहड़ी, खुशियां और मिठास का पर्व: धार्मिक महत्व

Know How to Celebrate Lohri – लोहड़ी, एक प्रमुख पंजाबी पर्व, न केवल सांस्कृतिक बल्कि धार्मिक दृष्टिकोण से भी विशेष महत्व रखता है। यह पर्व मकर संक्रांति से पहले वाली रात को मनाया जाता है और सूर्य के उत्तरायण होने की शुरुआत का प्रतीक होता है। लोहड़ी का त्यौहार जहां एक ओर खुशी, उल्लास और भक्ति का प्रतीक है, वहीं इसका धार्मिक महत्व भी बहुत गहरा है।

लोहड़ी और मकर संक्रांति का संबंध

लोहड़ी का पर्व मकर संक्रांति के एक दिन पहले मनाया जाता है। मकर संक्रांति को सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण की दिशा में प्रवेश करता है, जिसे नए मौसम की शुरुआत माना जाता है। इस दिन लोहड़ी की अग्नि जलाकर लोग अपने पापों का नाश करने की कामना करते हैं और अपने घरों की खुशहाली के लिए प्रार्थना करते हैं। इस अग्नि को सूर्य के उत्तरायण होने का पहला सार्वजनिक यज्ञ माना जाता है।

लोहड़ी की पूजा और परंपराएं

लोहड़ी के दिन, लोग लकड़ी, उपले और रेवड़ी से भरी ढेरी जलाते हैं। इस अग्नि के चारों ओर लोग नृत्य करते हैं, गीत गाते हैं, और विशेष रूप से तिल, गुड़, रेवड़ी, मूंगफली आदि का भोग चढ़ाते हैं। इस अवसर पर ‘ढोल’ और ‘गिद्दा’ का आयोजन होता है, जो उत्सव के माहौल को और भी रोचक बनाते हैं।

लोहड़ी के गीत और नृत्य

लोहड़ी पर गाए जाने वाले गीतों में विशेष रूप से पंजाबी लोकगीत होते हैं, जैसे-

“ओए, होए, होए, बारह वर्षी खडन गया सी, खडके लेआंदा रेवड़ी…”

ये गीत लोहड़ी की खुशी और उत्साह को दर्शाते हैं। लोग इन गीतों के साथ-साथ ढोल की थाप पर नाचते हैं, जो इस पर्व के माहौल को और जीवंत कर देता है।

मिठास का पर्व: रेवड़ी और मूंगफली

लोहड़ी का पर्व मिठास से भरा हुआ होता है, खासकर रेवड़ी, मूंगफली और तिल के लड्डू का विशेष महत्व है। ये मिठाइयाँ परस्पर बधाई देने और रिश्तों को मजबूत करने का माध्यम बनती हैं। परिवार और रिश्तेदार एक-दूसरे को इन स्वादिष्ट चीजों से तौफे देते हैं, और इस परंपरा का पालन कई पीढ़ियों से किया जा रहा है।

लोहड़ी की सामाजिक और धार्मिक महत्ता

लोहड़ी का पर्व केवल एक त्योहार नहीं है, बल्कि यह एक मन्नत से जुड़ा हुआ त्योहार भी है। जब किसी घर में नई बहू आती है या घर में संतान का जन्म होता है, तो उस परिवार में लोहड़ी का उत्सव मनाया जाता है। इसके माध्यम से लोग अपनी खुशी और समृद्धि को अपने परिवार और समाज के साथ बांटते हैं।

लोहड़ी का आधुनिक रूप

समय के साथ लोहड़ी के आयोजन में बदलाव आया है, लेकिन इसके उत्साह में कोई कमी नहीं आई है। अब लोग आधुनिक तरीके से लोहड़ी मनाते हैं, लेकिन पारंपरिक रीति-रिवाजों का पालन आज भी किया जाता है। अब ढोल के साथ नृत्य करने और पारंपरिक मिठाइयाँ देने का रिवाज बदस्तूर कायम है।

निष्कर्ष

लोहड़ी न केवल एक खुशी का पर्व है, बल्कि यह धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का भी प्रतीक है। यह पर्व मानवीय रिश्तों को मजबूत करता है, और लोगों के बीच भाईचारे, प्रेम और सद्भावना का संदेश देता है। इस पर्व के माध्यम से हम अपनी पुरानी परंपराओं को न केवल संजोते हैं, बल्कि नए पीढ़ी को भी इन्हें सिखाते हैं, ताकि यह धरोहर भविष्य में भी जीवित रहे।

Thanks for visiting – Chandigarh News

Summary
Know How to Celebrate Lohri - कैसे मनाते हैं लोहड़ी, खुशियां और मिठास का पर्व: धार्मिक महत्व
Article Name
Know How to Celebrate Lohri - कैसे मनाते हैं लोहड़ी, खुशियां और मिठास का पर्व: धार्मिक महत्व
Description
Know How to Celebrate Lohri - कैसे मनाते हैं लोहड़ी, खुशियां और मिठास का पर्व: धार्मिक महत्व
Author
Publisher Name
Chandigarh News
Publisher Logo

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *