Lohri Festival Celebration

Lohri Festival Celebration – लोहड़ी पर्व विशेष: पंजाब के वीर नायक दुल्ला भट्टी की कहानी

Lohri Festival Celebration – लोहड़ी पर्व विशेष: पंजाब के वीर नायक दुल्ला भट्टी की कहानी

Lohri Festival Celebration – लोहड़ी का त्योहार पंजाबी संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है और इसे बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस त्योहार के पीछे एक दिलचस्प और प्रेरणादायक कहानी है, जो पंजाब के वीर नायक दुल्ला भट्टी से जुड़ी हुई है। लोहड़ी के गीतों और इस पर्व की परंपरा का मुख्य केंद्र दुल्ला भट्टी ही हैं।

दुल्ला भट्टी का इतिहास: दुल्ला भट्टी एक बहादुर और साहसी योद्धा थे, जिन्होंने मुगलों के खिलाफ अपनी लड़ाई लड़ी थी। उनका जन्म पंजाब में हुआ था और वे मुग़ल शासक अकबर के शासनकाल के दौरान प्रसिद्ध हुए। उन्हें ‘पंजाब के नायक’ के रूप में सम्मानित किया गया। उस समय, पंजाब में एक स्थान था संदल बार, जहां अमीर लोग गरीब लड़कियों को गुलामी के लिए खरीदते थे। ये लड़कियाँ अक्सर अमीरों के लिए काम करने के लिए बेची जाती थीं, और उनके साथ अत्याचार होते थे।

दुल्ला भट्टी का साहस: दुल्ला भट्टी ने इन लड़कियों के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ खड़ा होने का साहस दिखाया। उन्होंने न केवल इन लड़कियों को मुक्त कराया, बल्कि उनकी शादी हिंदू लड़कों से भी करवाई। इस विवाह की सभी व्यवस्थाएं दुल्ला भट्टी ने खुद कीं और खुद ही कन्यादान भी किया। यह कार्य उस समय के समाज में एक बड़ा साहसिक कदम था, और इसे आज भी पंजाब के लोग याद करते हैं।

लोहड़ी और दुल्ला भट्टी की कहानी: लोहड़ी के त्योहार के दौरान लोग दुल्ला भट्टी की बहादुरी की कहानी याद करते हैं और उनके गीत गाते हैं। लोहड़ी का एक प्रमुख गीत, “सुंदर मुंदरिये हो, तेरा कौन विचारा हो, दुल्ला भट्टी वाला हो…” इस घटना का प्रतीक बन चुका है। इस गीत में दुल्ला भट्टी का उल्लेख किया जाता है और उसकी वीरता और मानवता की सेवा को सराहा जाता है।

Lohri Festival Celebration – लोहड़ी पर्व विशेष

लोहड़ी का महत्व: लोहड़ी का पर्व जलते अलाव के साथ मनाया जाता है, और यह पर्व न केवल एक कृषि उत्सव है, बल्कि यह मानवता, साहस और अच्छाई की जीत का प्रतीक भी है। इस दिन लोग एकजुट होकर दुल्ला भट्टी की कहानी का जश्न मनाते हैं, ढोल-नगाड़े के साथ नाचते-गाते हैं और गुड़, मूंगफली, रेवड़ी आदि बांटते हैं। यह पर्व समाज में भाईचारे और प्रेम की भावना को प्रोत्साहित करता है।

उपसंहार: लोहड़ी पर्व का दुल्ला भट्टी से गहरा संबंध है। दुल्ला भट्टी ने अपनी साहसिकता और मानवता के लिए हमेशा याद किए जाएंगे। लोहड़ी की रात, जब लोग आग के चारों ओर इकट्ठा होते हैं और गाते हैं, तो वे न केवल अपनी खुशियों को मनाते हैं, बल्कि वे दुल्ला भट्टी जैसे वीर नायक की कहानी को भी जीवित रखते हैं, जो हमेशा लोगों की सहायता करने और उनके अधिकारों की रक्षा करने में विश्वास रखते थे।

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