Lohri ke Geet – लोहड़ी गीत और इसका महत्व
Lohri ke Geet – लोहड़ी का त्योहार न केवल एक सांस्कृतिक उत्सव है, बल्कि यह पंजाबी समाज की परंपराओं और रीति-रिवाजों का अभिन्न हिस्सा भी है।
इस पर्व में गीतों का विशेष महत्व होता है, जो न केवल उत्साह और खुशी का संचार करते हैं, बल्कि लोहड़ी के इतिहास और इसकी धार्मिकता को भी उजागर करते हैं। लोहड़ी के गीतों का मुख्य आकर्षण उन कहानियों में छिपा होता है जो पंजाब की लोककथाओं और परंपराओं को जीवित रखते हैं।
लोहड़ी गीत और उनका महत्व
लोहड़ी के गीतों में अधिकतर दुल्ला भट्टी की कहानी, खेतों की फसलों और समाजिक उत्सवों का वर्णन होता है। इन गीतों के माध्यम से लोग अपनी खुशी व्यक्त करते हैं और एक-दूसरे के साथ इस पर्व को मनाने की उमंग साझा करते हैं। लोहड़ी के गीतों की धुन में ढोल की आवाज और नृत्य की ताल बखूबी मेल खाती है, जो इस पर्व की विशेषता को दर्शाती है।
प्रमुख लोहड़ी गीत
लोहड़ी के गीत आमतौर पर बच्चों और युवाओं द्वारा गाए जाते हैं, जो घर-घर जाकर लकड़ी और उपले इकट्ठा करते हैं। इन गीतों में दुल्ला भट्टी की वीरता और उसकी लड़कियों की मदद की कहानी बयां की जाती है। एक प्रसिद्ध गीत है:
“सुंदर मुंदरीए होए
तेरा कौन बचारा होए
दुल्ला भट्टी वाला होए
तेरा कौन बचारा होए
दुल्ला भट्टी वाला होए”
इस गीत में दुल्ला भट्टी के बारे में बताया जाता है कि उसने गरीब लड़कियों को गुलामी से मुक्त किया और उनकी शादी करवाई। इस तरह के गीतों से न केवल पर्व की खुशी बढ़ती है, बल्कि यह समाज में नैतिकता और इंसानियत का संदेश भी देते हैं।
अतिरिक्त लोहड़ी गीत
लोहड़ी के पर्व पर कई अन्य गीत भी गाए जाते हैं, जिनका उद्देश्य घर-घर में खुशियां फैलाना और समृद्धि की कामना करना होता है। उदाहरण के लिए:
“दे माई लोहड़ी, तेरी जीवे जोड़ी”
“दे माई पाथी तेरा पुत्त चड़ेगा हाथी”
“ईशर आए दलिदर जाए, दलिदर दी जड चूल्हे पाए”
इन गीतों का गाना न केवल परंपरा है, बल्कि यह बच्चों को समुदाय की संस्कृति और परंपराओं से जोड़ता है।
विशेष पकवान
लोहड़ी के दिन विशेष पकवान बनते हैं, जिनमें गजक, रेवड़ी, मुंगफली, तिल-गुड़ के लड्डू, मक्का की रोटी और सरसों का साग प्रमुख होते हैं। इन पकवानों का महत्व इस बात में है कि ये शीतलता प्रदान करते हैं और सूर्य के उत्तरायण होने के अवसर पर शरीर को ताजगी प्रदान करते हैं।
लोहड़ी के दिन बच्चे और युवा गीत गाकर लकड़ियां और अन्य सामग्रियां इकट्ठा करते हैं। यह परंपरा केवल पर्व को मनाने का तरीका नहीं है, बल्कि यह एक सामाजिक गतिविधि भी है, जिसमें सभी समुदाय के लोग भाग लेते हैं।
निष्कर्ष
लोहड़ी के गीतों का पर्व के साथ गहरा संबंध है। ये गीत न केवल त्योहार के आनंद को बढ़ाते हैं, बल्कि वे समाज में प्यार, भाईचारे और समृद्धि की भावना का भी प्रचार करते हैं। लोहड़ी के गीतों और परंपराओं के माध्यम से पंजाबी समाज अपनी सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित रखता है, और यह पर्व हर वर्ष नए उत्साह के साथ मनाया जाता है।
Thanks for visiting – Chandigarh News