Mendak ki Kahani

Mendak ki Kahani – झगड़ालू मेंढक की कहानी

Mendak ki Kahani – झगड़ालू मेंढक की कहानी

Mendak ki Kahani – एक बार की बात है, ढोलकपुर जंगल में मेडी नाम का एक मेंढक रहता था। वह था तो सबसे बड़ा, लेकिन बिल्कुल समझदार नहीं था। उसका पसंदीदा काम था दूसरों से लड़ाई करना। वह हमेशा लड़ने का मौका ढूंढ़ता रहता था। उसकी इस आदत से उसके बच्चे और आस-पड़ोस के अन्य मेंढक भी परेशान रहते थे।

जब भी कोई मेढक मेडी को अपनी तरफ आता देखता, तो वह उसे देखकर कहता, “अरे भागो-भागो, झगड़ालू ताऊ आ गए, पता नहीं कब शुरू हो जाए झगड़ा!”

एक दिन बगल के मेंढक के घर पार्टी हो रही थी। उस मेंढक ने सभी मेंढकों को पार्टी में बुलाया, बस मेडी के परिवार को छोड़कर। पार्टी में सभी मेंढक मस्ती कर रहे थे, अच्छे-अच्छे पकवान खा रहे थे। पकवान की खुशबू और गाने की आवाज मेडी के घर तक पहुंच रही थी।

यह सब देखकर मेडी की पत्नी को गुस्सा आ गया और उसने कहा, “क्या जी, तुम्हारे झगड़ालू स्वभाव की वजह से हमें कोई नहीं बुलाता। देखो कितनी अच्छी खुशबू आ रही है और हम पार्टी का मजा नहीं ले पा रहे। जाओ, अब मैं रात का खाना नहीं बनाऊंगी, बाहर से खाना मंगाओ!”

अपनी पत्नी की बात सुनकर मेडी गुस्से में भरकर बाजार निकलता है और सोचता है कि वह सबको सबक सिखाएगा। तभी उसकी मुलाकात शीरो नामक साँप से होती है। शीरो साँप को देखकर मेडी को एक बुरा विचार आता है।

वह मन ही मन सोचता है, “अब मैं शीरो साँप को सबके घर का पता बता दूंगा, फिर वह सबको एक-एक करके खा जाएगा।” और ऐसा सोचते हुए, वह शीरो साँप के पास पहुंचता है और कहता है, “शीरो जी, मैं आपको सबके घर का पता दे सकता हूँ, आप उन्हें खा सकते हो।”

शीरो साँप कहता है, “क्या तुम सच में मुझे अपने सभी साथियों को खाने के लिए कह रहे हो? क्या तुम एक बार फिर से सोच नहीं सकते?” लेकिन मेडी जोर देकर कहता है, “हां, मैंने अच्छे से सोच लिया है, वे सब मुझे बहुत परेशान करते थे। अब मैं उन्हें सबक सिखाऊंगा।”

फिर मेडी शीरो साँप को अपने घर ले जाता है और उसे एक-एक करके सभी मेंढकों का घर बता देता है। शीरो साँप धीरे-धीरे सभी मेंढकों को खा लेता है। जब वह सबको खा चुका, तो वह मेडी के घर पहुंचता है और कहता है, “वाह, बहुत अच्छा किया मेडी, आज तो मज़ा आ गया। लेकिन मुझे अब और भूख लग रही है। तुम्हारे परिवार को छोड़कर और कोई मेंढक नहीं बचा, तो क्या मैं तुम्हारे परिवार को भी खा सकता हूँ?”

मेडी ने गुस्से में कहा, “तुमने मेरे साथ धोखा किया! मैं तुम्हें पार्टी दे रहा था और तुमने मेरे साथियों को खा लिया! अब तुम मुझे खाओगे?” उसकी पत्नी पीछे से बोली, “मैंने कितनी बार तुमसे कहा था कि दूसरों से झगड़ा मत करो, थोड़ा गुस्से पर काबू रखो। अब देखो, सबको खा गया और अब हमारी बारी है।”

फिर शीरो साँप ने मेडी, उसकी पत्नी और बच्चों को एक-एक करके खा लिया और इस तरह सारे मेंढक खत्म हो गए।

मोरल: हमें कभी भी दूसरों से झगड़ा नहीं करना चाहिए। हमें हमेशा मिलजुलकर रहना चाहिए और अपने गुस्से पर काबू रखना चाहिए।

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