Mossad Agents News – हिज़्बुल्लाह को चकमा देकर लेबनान में कैसे पेजर धमाकों को दिया गया अंजाम, मोसाद के पूर्व एजेंटों ने बताया
Mossad Agents News – इस साल सितंबर में लेबनान में पेजर्स और वॉकी-टॉकी में हुए सिलसिलेवार धमाकों ने पूरे देश में दहशत फैला दी थी। इन हमलों में कई लोग मारे गए और सैंकड़ों घायल हुए।
यह सभी धमाके हिज़्बुल्लाह के गढ़ माने जाने वाले इलाकों में हुए थे, और बाद में यह साफ हुआ कि इन हमलों के पीछे इसराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद का हाथ था।
मोसाद के दो पूर्व एजेंटों ने इस हमले की पूरी साजिश का खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि कैसे मोसाद ने हिज़्बुल्लाह को धोखा देते हुए वॉकी-टॉकी और पेजर्स को अपने ही उपकरणों में छिपाए गए विस्फोटक के साथ बेच दिया था।
ये उपकरण हिज़्बुल्लाह के लड़ाकों को बहुत अच्छे दामों पर एक फर्जी कंपनी के माध्यम से बेचे गए थे। हिज़्बुल्लाह को इस बात का बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि इन उपकरणों में छेड़छाड़ की गई है और ये कभी भी विस्फोट कर सकते हैं।
वॉकी-टॉकी और पेजर्स में छेड़छाड़
मोसाद ने इन उपकरणों में इतनी सूक्ष्मता से छेड़छाड़ की थी कि हिज़्बुल्लाह को इसका आभास नहीं हुआ। पूर्व एजेंट माइकल ने सीबीएस को बताया कि मोसाद ने वॉकी-टॉकी की बैटरियों में विस्फोटक छिपा रखा था, जो अक्सर हिज़्बुल्लाह के लड़ाके अपनी कमीज़ के ऊपरी पॉकेट में रखते थे। उन्होंने बताया कि यह वॉकी-टॉकी और पेजर 16,000 से अधिक उपकरणों की खेप के रूप में हिज़्बुल्लाह को बेचे गए थे।
इसके बाद मोसाद ने एक और चाल चली और फर्जी कंपनियों का निर्माण किया, ताकि हिज़्बुल्लाह को यह विश्वास दिलाया जा सके कि ये उपकरण एक सामान्य विक्रेता से खरीदे जा रहे हैं। मोसाद ने पेजर्स के लिए एक विशेष रिंगटोन भी बनाई, जो हिज़्बुल्लाह के लोगों को लगता था कि वे किसी महत्वपूर्ण संदेश को देख रहे हैं, और इस तरह से वे उपकरणों का इस्तेमाल करते थे, जिससे विस्फोट होते थे।
हमलों की जटिलता
इन धमाकों ने लेबनान में आतंक मचाया था। पेजर्स और वॉकी-टॉकी में धमाके सड़कों से लेकर सुपरमार्केट तक हुए थे। इन हमलों में 42 लोगों की जान गई और कई घायल हुए। मोसाद ने यह सुनिश्चित किया था कि विस्फोटकों की मात्रा इतनी हो कि इससे उपयोगकर्ता को ज्यादा से ज्यादा नुकसान हो, लेकिन मरने वालों की संख्या को सीमित रखा जाए।
हिज़्बुल्लाह और इसराइल के बीच तनाव
इन धमाकों के बाद हिज़्बुल्लाह और इसराइल के बीच तनाव और बढ़ गया था। हिज़्बुल्लाह, जो पहले ही दक्षिणी इसराइल पर हमले कर रहा था, अब इस हमले से और भी कमजोर हो गया था। मोसाद का यह अभियान तब शुरू हुआ जब उन्हें लगा कि हिज़्बुल्लाह का व्यवहार संदिग्ध हो रहा है। इन धमाकों के कारण लेबनान में दहशत फैल गई, और इसका असर हिज़्बुल्लाह के भीतर भी महसूस हुआ, जो कई बार युद्ध में हार की स्थिति में था।
अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं
इन हमलों पर लेबनान और संयुक्त राष्ट्र ने कड़ी निंदा की। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख ने इसे युद्ध अपराध बताया और कहा कि इस प्रकार के हमले अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानूनों का उल्लंघन करते हैं। उनका कहना था कि इस घटना से पूरी दुनिया को यह संदेश जाना चाहिए कि नागरिकों को जानबूझकर निशाना बनाना युद्ध अपराध के अंतर्गत आता है।
यह घटना एक बार फिर से साबित करती है कि मोसाद की खुफिया रणनीतियाँ कितनी दूर तक जाती हैं और वह अपने शत्रुओं को किस तरह से धोखा देकर उन्हें अपने ही हथियारों से मात दे सकता है।
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