Mutual Funds Investment News –म्यूचुअल फंड में पैसा लगाने में महाराष्ट्र, दिल्ली और गुजरात वाले सबसे आगे
Mutual Funds: म्यूचुअल फंड में निवेश करना आजकल छोटे शहरों से लेकर बड़े शहरों तक के लोगों में एक सामान्य प्रथा बन चुका है। इसके कारण म्यूचुअल फंड प्रबंधन परिसंपत्तियों में तेजी से वृद्धि हो रही है। म्यूचुअल फंड्स का निवेश एक सुरक्षित और आकर्षक विकल्प बन चुका है, जहां लोग अपनी बचत को निवेश करने के लिए एक सटीक जगह समझते हैं।
विभिन्न राज्यों से म्यूचुअल फंड में जो योगदान आता है, उसमें महाराष्ट्र सबसे अग्रणी है। इसके बाद दिल्ली और गुजरात का स्थान आता है। यह स्थिति म्यूचुअल फंड के बढ़ते लोकप्रियता और निवेशकों की जागरूकता को दर्शाती है।
सितंबर 2024 के आंकड़ों के अनुसार, म्यूचुअल फंड उद्योग के कुल प्रबंधन परिसंपत्तियों (एयूएम) का 56 प्रतिशत हिस्सा सिर्फ तीन राज्यों से आता है। इनमें महाराष्ट्र का योगदान सबसे अधिक है। महाराष्ट्र ने देश के म्यूचुअल फंड उद्योग में 27.49 लाख करोड़ रुपये का योगदान दिया है।
इसके बाद दिल्ली और गुजरात हैं। दिल्ली ने 5.49 लाख करोड़ रुपये का योगदान दिया, जबकि गुजरात का योगदान 4.82 लाख करोड़ रुपये था। इस प्रकार, यह तीन राज्य मिलकर म्यूचुअल फंड उद्योग का बड़ा हिस्सा नियंत्रित करते हैं।
देश के कुल म्यूचुअल फंड उद्योग में 67.09 लाख करोड़ रुपये का एयूएम था, जिसमें से महाराष्ट्र का योगदान सबसे बड़ा था। इस प्रकार, महाराष्ट्र ने पूरे देश के म्यूचुअल फंड उद्योग के लगभग 41 प्रतिशत हिस्से का योगदान दिया है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि म्यूचुअल फंड के प्रति महाराष्ट्र के निवेशकों का विश्वास कितना गहरा है।
यहाँ के निवेशकों ने अपनी बचत को इस प्रकार से बढ़ाया है कि वे देश के अन्य हिस्सों के मुकाबले म्यूचुअल फंड में सबसे अधिक निवेश कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश, जो एक बड़ा राज्य है, म्यूचुअल फंड में निवेश करने के मामले में छठे स्थान पर है। सितंबर 2024 तक उत्तर प्रदेश से 3,23,200 करोड़ रुपये का निवेश आया है, जो म्यूचुअल फंड उद्योग में राज्य का प्रमुख योगदान है। उत्तर प्रदेश में तेजी से म्यूचुअल फंड के प्रति रुचि बढ़ी है और राज्य के निवेशक इस क्षेत्र में लगातार सक्रिय हो रहे हैं।
इसके बाद बिहार का स्थान आता है, जो म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाले राज्यों की सूची में 16वें नंबर पर है। बिहार से म्यूचुअल फंड में 69,000 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। हालांकि बिहार का योगदान बाकी राज्यों के मुकाबले कम है, फिर भी इसने म्यूचुअल फंड के प्रति जागरूकता और निवेश की दिशा में एक अहम कदम बढ़ाया है।
म्यूचुअल फंड के निवेशकों की प्राथमिकताओं की बात करें तो कुछ राज्य ऐसे हैं जहां प्रतिशत के हिसाब से अधिकांश निवेश इक्विटी फंड्स में हुआ है। उदाहरण के तौर पर त्रिपुरा में कुल एयूएम का लगभग 92 प्रतिशत हिस्सा इक्विटी फंड से आया है।
इसके बाद जम्मू और कश्मीर, अरुणाचल प्रदेश और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह हैं, जहां 91 प्रतिशत संपत्ति इक्विटी फंड से आई है। यह आंकड़ा यह बताता है कि इन राज्यों के निवेशक अधिकतर जोखिम भरे निवेश को प्राथमिकता देते हैं और वे लंबी अवधि के लिए म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने के इच्छुक हैं।
म्यूचुअल फंड्स के प्रति लोगों का रुझान लगातार बढ़ रहा है। यह निवेशकों की बढ़ती जागरूकता और समझ का परिणाम है। म्यूचुअल फंड्स का बढ़ता बाजार म्यूचुअल फंड कंपनियों के लिए एक अच्छा संकेत है, क्योंकि यह उद्योग लगातार विस्तार कर रहा है।
निवेशकों के लिए यह एक अच्छा अवसर है क्योंकि म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने से उन्हें विभिन्न प्रकार के निवेश विकल्प मिलते हैं, जिनसे वे अपनी जोखिम की क्षमता और निवेश लक्ष्य के अनुसार विकल्प चुन सकते हैं।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि म्यूचुअल फंड्स का विकास केवल बड़े शहरों तक सीमित नहीं है। छोटे शहरों और गांवों में भी म्यूचुअल फंड्स के प्रति जागरूकता बढ़ रही है। इस क्षेत्र में सरकारी और निजी दोनों तरह के संस्थानों द्वारा जागरूकता अभियानों का आयोजन किया जा रहा है, ताकि लोग म्यूचुअल फंड्स के माध्यम से अपने पैसे को सही दिशा में निवेश कर सकें। छोटे शहरों में भी अब लोग म्यूचुअल फंड्स के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने लगे हैं और वे अपने निवेश को सही तरीके से बढ़ा रहे हैं।
भारत में म्यूचुअल फंड्स का बाजार अब इतना बड़ा हो चुका है कि वह देश की आर्थिक स्थिति पर भी प्रभाव डालता है। म्यूचुअल फंड्स के माध्यम से निवेश करके लोग अपनी भविष्य की वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं। इसके अलावा, म्यूचुअल फंड्स के द्वारा कंपनियों को पूंजी जुटाने में भी मदद मिलती है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलती है।
निवेशकों को यह ध्यान रखना चाहिए कि म्यूचुअल फंड्स में निवेश करते समय जोखिम का स्तर अलग-अलग होता है। इक्विटी फंड्स उच्च जोखिम वाले होते हैं, जबकि डेट फंड्स या लिक्विड फंड्स कम जोखिम वाले होते हैं। इसलिए, निवेशक अपनी जोखिम की क्षमता और निवेश उद्देश्य के अनुसार सही प्रकार के म्यूचुअल फंड्स का चयन कर सकते हैं।
निष्कर्ष रूप में, म्यूचुअल फंड्स का बाजार भारत में तेजी से बढ़ रहा है और यह विभिन्न राज्यों के निवेशकों द्वारा संचालित हो रहा है। महाराष्ट्र, दिल्ली, और गुजरात ने इस क्षेत्र में प्रमुख योगदान दिया है, लेकिन उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे अन्य राज्यों में भी म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने की प्रवृत्ति बढ़ रही है। यह दिखाता है कि म्यूचुअल फंड्स के प्रति भारतीय निवेशकों की जागरूकता और विश्वास लगातार बढ़ रहा है।
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