R Ashwin Retirement: पिता का चौंकाने वाला बयान, कहा- ‘उसे अपमानित किया जा रहा था‘
R Ashwin Retirement – भारतीय क्रिकेट के महानतम स्पिनरों में से एक, रविचंद्रन अश्विन ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर सभी को चौंका दिया। गाबा टेस्ट के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने फैसले की जानकारी देते हुए अश्विन ने क्रिकेट के तीनों प्रारूपों को अलविदा कह दिया। उनके इस निर्णय ने न केवल प्रशंसकों, बल्कि उनके परिवार को भी स्तब्ध कर दिया।
अश्विन के पिता का बयान: ‘अपमान हो रहा था‘
अश्विन के पिता रविचंद्रन ने अपने बेटे के संन्यास को लेकर सीएनएन न्यूज 18 को दिए इंटरव्यू में भावुक बयान दिया। उन्होंने कहा कि अश्विन को लंबे समय से प्रताड़ित किया जा रहा था। उन्होंने कहा,
“अचानक हुए इस फैसले ने हमें चौंका दिया। लेकिन हम इसकी उम्मीद भी कर रहे थे क्योंकि अपमान हो रहा था। वह कब तक उन सभी चीजों को बर्दाश्त कर सकता है? शायद, उसने खुद ही फैसला किया होगा।”
अश्विन के पिता ने इशारों में यह भी कहा कि उनके शानदार रिकॉर्ड के बावजूद टीम में नियमित जगह नहीं मिलने से वह आहत थे।
अश्विन का करियर और अचानक संन्यास
38 वर्षीय अश्विन ने 106 टेस्ट मैचों में 537 विकेट लिए, जो उन्हें भारत के महानतम गेंदबाजों की श्रेणी में रखता है। इसके अलावा, उन्होंने सीमित ओवरों के प्रारूप में भी उल्लेखनीय प्रदर्शन किया।
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर अश्विन ने अपना अंतिम टेस्ट खेला। पिंक बॉल टेस्ट के बाद उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने संन्यास की घोषणा की। कप्तान रोहित शर्मा ने भी इस बारे में बात की और कहा कि अश्विन का यह निर्णय उनके लिए भी अप्रत्याशित था।
प्लेइंग इलेवन से बाहर होना बना विवाद
अश्विन के संन्यास के पीछे उनकी प्लेइंग इलेवन में जगह को लेकर विवाद बड़ा कारण माना जा रहा है। मौजूदा ऑस्ट्रेलिया दौरे पर अश्विन ने सिर्फ एक टेस्ट मैच खेला। उन्हें पर्थ में पहले टेस्ट में नजरअंदाज किया गया था। हालांकि, एडिलेड डे-नाइट टेस्ट में मौका मिला, लेकिन उसके बाद तीसरे टेस्ट में उनकी जगह रवींद्र जडेजा को शामिल किया गया।
रोहित शर्मा का बयान
कप्तान रोहित शर्मा ने कहा कि उन्हें अश्विन के फैसले के बारे में पर्थ में पता चला, लेकिन उन्होंने अश्विन को इसे कुछ समय के लिए टालने को कहा। रोहित ने कहा,
“हम सब चाहते थे कि वह और खेले, लेकिन यह उनका निजी फैसला था।”
अश्विन के पिता की भावनाएं
अश्विन के पिता ने इंटरव्यू में कहा कि उनके बेटे का संन्यास परिवार के लिए भावुक क्षण था। उन्होंने कहा,
“वह 14-15 साल तक मैदान पर रहा। अचानक हुए इस बदलाव ने हमें वाकई चौंका दिया। हमें लगता है कि उसके साथ जो व्यवहार हुआ, उसे देखते हुए यह निर्णय उसका व्यक्तिगत और सही फैसला था।”
अश्विन की विरासत
अश्विन का नाम भारतीय क्रिकेट के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा। वह न केवल भारत के लिए सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाजों में से एक हैं, बल्कि बल्ले से भी उन्होंने कई अहम योगदान दिए।
संन्यास पर जारी है बहस
अश्विन के अचानक संन्यास ने भारतीय क्रिकेट में चयन प्रक्रिया और टीम मैनेजमेंट की नीतियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशंसक और विशेषज्ञ उनके फैसले के पीछे के कारणों पर चर्चा कर रहे हैं, लेकिन अश्विन ने खुद इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
निष्कर्ष
रविचंद्रन अश्विन का संन्यास भारतीय क्रिकेट के लिए एक बड़ा झटका है। उनके पिता के बयानों से यह स्पष्ट होता है कि टीम मैनेजमेंट से जुड़े मुद्दे और व्यक्तिगत असंतोष ने उन्हें यह फैसला लेने पर मजबूर किया। अश्विन ने अपने करियर में भारतीय क्रिकेट को ऊंचाइयों पर पहुंचाया, और उनका योगदान हमेशा याद किया जाएगा।
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