Republic Day 2025: 26 जनवरी को क्यों मनाया जाता है गणतंत्र दिवस?
2025 में गणतंत्र दिवस, 26 जनवरी को रविवार को मनाया जाएगा। यह दिन भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण के रूप में याद किया जाता है, क्योंकि 26 जनवरी 1950 को भारत ने पूर्ण गणराज्य के रूप में अपनी यात्रा शुरू की थी। आइए जानते हैं इस दिन से जुड़ी रोचक जानकारी:
गणतंत्र दिवस का अर्थ क्या होता है?
गणतंत्र दिवस का मतलब है वह दिन जब भारत ने अपने संविधान को लागू करके स्वयं को एक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित किया। इस दिन, भारत ने अपनी संप्रभुता और लोकतांत्रिक व्यवस्था को पूरी दुनिया के सामने प्रस्तुत किया।
26 जनवरी को क्यों मनाया जाता है गणतंत्र दिवस?
26 जनवरी 1950 को भारत ने अपने संविधान को लागू किया और इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया।
1930 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान पूर्ण स्वतंत्रता की शपथ ली थी। इसलिए, 26 जनवरी को विशेष महत्व दिया गया था। यही कारण है कि संविधान को लागू करने के लिए 26 जनवरी की तारीख चुनी गई, ताकि यह दिन भारतीय संघर्ष और स्वाधीनता के प्रतीक के रूप में हमेशा याद रहे।
गणतंत्र दिवस 2025 की थीम क्या है?
इस साल की गणतंत्र दिवस परेड की थीम “स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास” है। इस विषय के तहत भारत की सांस्कृतिक धरोहर, प्रगति और विकास को प्रदर्शित किया जाएगा।
गणतंत्र दिवस परेड का मुख्य अतिथि
2025 में गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि के रूप में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो के आने की संभावना है।
गणतंत्र दिवस का महत्व
यह दिन भारत के लिए महत्वपूर्ण इसलिए है क्योंकि 1950 में भारत ने अपनी संप्रभुता और लोकतांत्रिक संस्थाओं की स्थापना की। भारतीय संविधान के लागू होने से भारत को एक नया कानूनी और राजनीतिक ढांचा मिला।
इस दिन को मनाने का उद्देश्य देशवासियों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक करना है।
इस दिन देशभर में राष्ट्रीय अवकाश होता है, और दिल्ली में केंद्र सरकार द्वारा आयोजित गणतंत्र दिवस परेड में सेना, पुलिस, और विभिन्न राज्यों की झांकियां प्रदर्शित की जाती हैं, जो भारतीय संस्कृति, सामर्थ्य और विविधता का प्रतीक होती हैं।
संविधान की भूमिका
भारतीय संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है और यह भारतीय लोकतंत्र के मूल स्तंभों को स्थापित करता है। 26 जनवरी, 1950 को यह संविधान लागू हुआ और इस दिन के बाद भारत को एक स्वतंत्र और लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में पहचान मिली।
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