School Dropout Chandigarh News – चंडीगढ़ में अल्पसंख्यक छात्रों का स्कूल ड्रॉपआउट बढ़ रहा है, दिल्ली और पंजाब से भी अधिक
School Dropout Chandigarh News- चंडीगढ़ में अल्पसंख्यक छात्रों का स्कूल ड्रॉपआउट दर दिल्ली और पंजाब से भी ज्यादा हो गई है। पंजाब में ड्रॉपआउट दर 12.9 प्रतिशत है, वहीं दिल्ली में यह 12.4 प्रतिशत है, जबकि चंडीगढ़ में यह आंकड़ा 17.8 प्रतिशत है, जो पंजाब से 4.9 और दिल्ली से 5.4 प्रतिशत अधिक है।
यह आंकड़ा नीति आयोग की 2023-24 रिपोर्ट से भी चौंकाने वाला है, जिसमें चंडीगढ़ को शिक्षा के क्षेत्र में देशभर में दूसरा स्थान दिया गया था। बावजूद इसके, अल्पसंख्यक छात्रों के ड्रॉपआउट की समस्या लगातार बढ़ रही है, जैसा कि हाल ही में राज्यसभा में पेश रिपोर्ट में दिखाया गया। रिपोर्ट के अनुसार, यह आंकड़े अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय द्वारा दिए गए हैं।
ड्रॉपआउट दर बढ़ने के कारण: रिपोर्ट के मुताबिक, छात्रों के स्कूल छोड़ने की प्रमुख वजह आर्थिक तंगी, घरेलू कामकाजी जिम्मेदारियां, और आय अर्जन के लिए काम करना है। सरकार ड्रॉपआउट दर को कम करने के लिए कई योजनाओं पर काम कर रही है, जैसे फीस में छूट, अधिक शिक्षण संस्थानों की स्थापना, और प्री-मैट्रिक, पोस्ट-मैट्रिक, और मेरिट-कम-मीन्स स्कॉलरशिप जैसी योजनाएं।
सर्वेक्षण और योजनाएं: चंडीगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग और समग्र शिक्षा मिशन ने डोर-टू-डोर सर्वेक्षण की योजना बनाई है ताकि उन बच्चों की पहचान की जा सके, जो स्कूल नहीं जा रहे हैं या बीच में स्कूल छोड़ चुके हैं। इस सर्वेक्षण के माध्यम से शिक्षा विभाग उन बच्चों को नियमित शिक्षा व्यवस्था में शामिल करेगा और 15 वर्ष से ऊपर के उन व्यक्तियों को बुनियादी साक्षरता प्रदान करेगा, जिन्होंने कभी स्कूल में नामांकन नहीं कराया।
समस्याओं के समाधान के उपाय: विभाग ने सामाजिक-आर्थिक समस्याएं, विकलांगताएं, भौगोलिक परिस्थितियां और सांस्कृतिक कारणों को ध्यान में रखते हुए लचीली समय सारणी, विशेष कक्षाएं, और विशेष ट्रेनिंग सेंटरों की योजना बनाई है, ताकि बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल सके।
Thanks for visiting – Chandigarh News