Sharmili Kahani - शर्मीली सिम्मी

Sharmili Kahani – शर्मीली सिम्मी

Sharmili Kahani – शर्मीली सिम्मी

Sharmili Kahani – एक बार की बात है, ढोलकपुर गाँव में शम्मी नाम की एक प्यारी सी बच्ची रहती थी। शम्मी पढ़ाई में बहुत होशियार थी, और उसकी क्लास में हमेशा सबसे अच्छे नंबर आते थे। लेकिन शम्मी में एक कमी थी, वह बहुत शर्माती थी।

स्कूल के बच्चे और घर वाले उसे “शर्मीली शम्मी” कहकर चिढ़ाते थे। जब भी कोई बच्चा उसे ये कहता, तो शम्मी को बहुत बुरा लगता, लेकिन अपनी शर्म के कारण वह कुछ नहीं कहती थी और बस चुपचाप वहाँ से चली जाती थी।

एक दिन शम्मी के घर उसकी बुआ अपने बच्चों के साथ आई। बुआ शम्मी को बहुत प्यार करती थीं और शम्मी भी उन्हें बहुत चाहती थी। लेकिन शम्मी शर्म के मारे बुआ से भी कुछ नहीं कह पाती थी। जैसे ही बुआ के बच्चे घर के अंदर आए, उन्होंने शम्मी को देख कर चिल्लाया, “ओर शर्मीली शम्मी! कैसी हो?” और फिर जोर-जोर से हंसने लगे।

बुआ ने बच्चों को डांटा, लेकिन वे फिर भी शम्मी को चिढ़ाते रहे और उसके खिलौनों से खेलने लगे। बुआ को पता था कि शम्मी शर्मीली है, इसीलिए वह कुछ नहीं कह पाती। बुआ ने शम्मी के लिए चॉकलेट्स और गिफ्ट्स लाए थे। बुआ ने शम्मी को पास बुलाकर कहा, “यह सब तुम्हारे लिए है।”

शम्मी शरमाते हुए “थैंक यू बुआ” कहती है, लेकिन जैसे ही वह चॉकलेट्स लेने लगी, बुआ के बच्चे आकर उसे ले लेने लगे। शम्मी उन्हें मना नहीं कर पाई क्योंकि शर्म के मारे वह कुछ कह नहीं सकी। वे बच्चे सारी चॉकलेट्स खा गए और शम्मी को बिना कुछ कहे अंदर चली गई।

अपने कमरे में बैठ कर शम्मी बहुत रोने लगी। वह सोचने लगी, “मैं ऐसी क्यों हूँ? मैं किसी से बात क्यों नहीं कर पाती? क्यों मुझे इतनी शर्म आती है?” इसी उलझन में वह अकेले रोने लगी। तभी बुआ उसके पास आईं और उसे गले से लगा लिया।

बुआ ने कहा, “शम्मी, मुझे पता है तुम बहुत समझदार और होशियार हो। लेकिन तुम्हारी शर्म के कारण तुम अपनी बात नहीं रख पाती। इस पर तुम्हें क्या करना चाहिए, सुनो। सबसे पहले यह याद रखना कि तुम किसी से कम नहीं हो, तुम में भी बहुत सारी खूबियाँ हैं।

अब तुम जो सबसे अच्छा महसूस करती हो, उससे बात करना शुरू करो। जितना तुम दूसरों से बात करोगी और उनकी बातें सुनोगी, धीरे-धीरे तुम्हारी शर्म कम हो जाएगी। समझी मेरी प्यारी बेटी?”

शम्मी मुस्कुराते हुए बोली, “हाँ बुआ, अब मुझे समझ आ गया।”

मोरल: हमें इतनी ज्यादा शर्म नहीं करनी चाहिए कि उससे हमें नुकसान उठाना पड़े। हमें अपनी बात रखनी चाहिए और अपने आत्मविश्वास को बढ़ाना चाहिए।

Thanks for visiting – Chandigarh News

Summary
Sharmili Kahani - शर्मीली सिम्मी
Article Name
Sharmili Kahani - शर्मीली सिम्मी
Description
Sharmili Kahani - शर्मीली सिम्मी
Author
Publisher Name
Chandigarh News
Publisher Logo

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *