Stock Market Crash: पांच दिन की गिरावट के कारण और निवेशकों की चिंताएं
Stock Market Crash: भारतीय शेयर बाजार में इस समय भारी गिरावट देखी जा रही है, जो लगातार पांच कारोबारी सत्रों तक जारी रही। इस अवधि में सेंसेक्स में 4,091.53 अंक या 4.98 प्रतिशत और निफ्टी में 1,180.8 अंक या 4.76 प्रतिशत की गिरावट आई है। इसके परिणामस्वरूप, निवेशकों की संपत्ति में लगभग 18.43 लाख करोड़ रुपये की कमी आ चुकी है।
मुख्य कारणों की समीक्षा
फेडरल रिजर्व का आक्रामक रुख: अमेरिकी केंद्रीय बैंक, फेडरल रिजर्व, ने ब्याज दरों में कटौती की रफ्तार को धीमा कर दिया है, जिससे वैश्विक बाजार में चिंता पैदा हुई है। यह निर्णय मंदी की आशंका को जन्म दे रहा है, जो विशेष रूप से भारतीय शेयर बाजार को प्रभावित कर रहा है। फेडरल रिजर्व के रुख के चलते विदेशी निवेशकों की निकासी बढ़ी, जिससे घरेलू बाजार में बिकवाली का दबाव बढ़ा।
कम मूल्यांकन और आय में धीमी वृद्धि: भारतीय बाजार पहले से ही उच्च मूल्यांकन और आय में कम वृद्धि की समस्या का सामना कर रहे हैं। स्मॉल और मिडकैप सूचकांकों में गिरावट इस बात को और स्पष्ट करती है कि निवेशक जोखिम से बचने के लिए निवेश को कम कर रहे हैं।
विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट: भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में भी इस सप्ताह 1.988 अरब डॉलर की गिरावट आई है। दिसंबर में विदेशी मुद्रा भंडार 652.969 अरब डॉलर रह गया है, जो सितंबर में 704.885 अरब डॉलर के उच्चतम स्तर से कम है। यह गिरावट भी बाजार पर दबाव बना रही है।
निवेशकों के लिए क्या मायने रखता है?
बाजार में अनिश्चितता: भारतीय शेयर बाजार में लगातार गिरावट यह दर्शाती है कि निवेशक किसी स्पष्ट दिशा में विश्वास नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में निवेशकों के लिए यह समय सतर्कता बरतने का है।
मुद्रा बाजार में सुधार: हालांकि, भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 10 पैसे मजबूत हुआ है, लेकिन डॉलर की मांग बढ़ने के कारण आने वाले समय में रुपये में कमजोरी बनी रह सकती है।
आगे की स्थिति:
भारत में निवेशकों को मंदी के संकेत दिखने लगे हैं, लेकिन यह भी संभव है कि बाजार जल्दी ही स्थिर हो जाएं। इस बीच, निवेशकों को स्मार्ट निवेश की रणनीति अपनानी होगी, जिससे वे बाजार की अस्थिरता का सामना कर सकें और लंबे समय में लाभ कमा सकें।
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