Stray Dogs Punjab – पंजाब में आवारा कुत्तों की गिनती का आदेश: बच्चों की सुरक्षा के लिए राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग सक्रिय
Stray Dogs Punjab – पंजाब के शहरों और गांवों में आवारा कुत्तों के हमलों की घटनाएं बढ़ने के बाद, पंजाब राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए सरकार को तुरंत कदम उठाने का निर्देश दिया है। लुधियाना के हसनपुर गांव में एक सप्ताह में दो बच्चों की दर्दनाक मौत के बाद यह कार्रवाई की गई है।
लुधियाना के हसनपुर गांव की घटना
12 जनवरी को हसनपुर गांव में आवारा कुत्तों ने 11 वर्षीय हरसुखप्रीत सिंह को खेत में नोंच-नोंचकर मार डाला। वह अपने पपी को ढूंढने गया था। इससे पहले, 12 वर्षीय अर्जुन को भी पतंग उड़ाते समय कुत्तों ने हमला कर जान ले ली। इन घटनाओं से गांव में आक्रोश फैल गया है।
गांववालों ने आरोप लगाया है कि लुधियाना शहर के लोग खतरनाक नस्लों के कुत्तों, जैसे पिटबुल, को लावारिस छोड़ रहे हैं, जिससे यह समस्या और गंभीर हो रही है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने आवारा कुत्तों पर नियंत्रण के उपाय नहीं किए, तो वे खुद इस समस्या से निपटने के लिए मजबूर होंगे।
आयोग का हस्तक्षेप
इन घटनाओं पर पंजाब राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने स्वतः संज्ञान लिया। आयोग के अध्यक्ष कंवरदीप सिंह ने इन हमलों को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की और सरकार को आवारा कुत्तों की बढ़ती आबादी पर नियंत्रण के लिए जनगणना और नसबंदी अभियान चलाने का निर्देश दिया है।
आयोग के निर्देश
आवारा कुत्तों की जनगणना: पंजाब के सभी शहरों और गांवों में कुत्तों की सही संख्या का पता लगाने के लिए एक व्यापक सर्वेक्षण किया जाए।
नसबंदी अभियान: कुत्तों की बढ़ती आबादी पर रोक लगाने के लिए तत्काल नसबंदी अभियान चलाया जाए।
ग्रामीण विकास विभाग की भागीदारी: आयोग ने ग्रामीण विकास विभाग और पंचायतों के प्रशासनिक सचिवों को इस समस्या से निपटने के लिए पत्र लिखा है।
स्थानीय निकायों का सहयोग: पंचायतों और नगर निकायों को इन हमलों को रोकने के लिए सक्रिय भूमिका निभाने को कहा गया है।
अन्य प्रभावित क्षेत्र
मोहाली, जीरकपुर, अमृतसर, माछीवाड़ा साहिब, और नाभा जैसे क्षेत्रों से भी आवारा कुत्तों के हमलों की घटनाएं सामने आई हैं। इन घटनाओं के चलते स्थानीय प्रशासन और आम जनता में चिंता बढ़ गई है।
राज्य सरकार का रुख
पंजाब सरकार ने इस समस्या के समाधान के लिए आयोग के निर्देशों का पालन करने की बात कही है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आश्वासन दिया है कि बच्चों की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे।
समस्या का समाधान और जनता की मांग
गांव के लोगों ने मांग की है कि सरकार इस समस्या को तुरंत हल करे या फिर पंचायत को इस समस्या से निपटने की पूरी छूट दे।
स्थानीय सुझाव: आवारा कुत्तों के लिए आश्रय गृह बनाए जाएं।
सरकारी पहल: नसबंदी और टीकाकरण अभियान नियमित रूप से चलाया जाए।
निष्कर्ष
आवारा कुत्तों की बढ़ती आबादी और उनके हमलों ने पंजाब में बच्चों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। आयोग के निर्देशों के बाद उम्मीद है कि सरकार इस समस्या पर जल्द कार्रवाई करेगी और सभी आवश्यक कदम उठाएगी। यह कदम न केवल बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे बल्कि राज्य में बढ़ती चिंता को भी कम करेंगे।
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