Taakat ki Kahani - तुमसे न हो पाएगा

Taakat ki Kahani – तुमसे न हो पाएगा

Taakat ki Kahani – तुमसे न हो पाएगा

Taakat ki Kahani – एक बार की बात है, ढोलकपुर जंगल में चीका और मीका नाम के दो भाई खेल रहे थे। तभी वहाँ पर रुस्तम शेर और रूपा शेरनी आते हैं। दोनों बच्चों को एक साथ खेलते हुए देखकर खुश हो जाते हैं, क्योंकि अक्सर ये दोनों भाई आपस में लड़ते रहते थे और कम ही साथ खेलते थे।

रुस्तम शेर ने बच्चों से कहा, “अरे मेरे प्यारे बच्चों, चीका और मीका, खेलते-खेलते आपस में लड़ाई मत करना। मीका, तुम अपने बड़े भाई को ज्यादा परेशान मत करना।”

रूपा शेरनी मुस्कुराते हुए बोली, “अच्छा बच्चों, ज्यादा समय मत लगाना और खेलने के बाद जल्दी घर आना।”

चीका और मीका हाँ में सिर हिलाते हैं और फिर खेलना शुरू कर देते हैं। खेलते-खेलते, चीका ने इतनी तेज़ी से गेंद मारी कि गेंद सीधे एक कुएं में गिर गई। मीका ने कहा, “भाई, गेंद तो कुएं में गिर गई, अब क्या करेंगे?”

चीका ने हिम्मत दिखाई और कहा, “तुम परेशान मत हो, मैं अभी जाकर गेंद निकाल लाता हूँ।”

लेकिन जैसे ही चीका कुएं में उतरने की कोशिश करता है, उसका पैर फिसल जाता है और वह कुएं में गिर जाता है।

मीका डर के मारे जोर-जोर से चिल्लाने लगता है, “भाई-भाई, कोई बचाओ मेरे भाई को। मैं तो बहुत छोटा हूँ, मैं कैसे बचा पाऊँगा उसे?” लेकिन वहां कोई नहीं था जो उसकी मदद कर सके।

तभी मीका को एक रस्सी दिखी। वह दौड़ते हुए रस्सी को उठाता है और कुएं में फेंकते हुए कहता है, “भाई, इस रस्सी को पकड़ना। मैं तुमको बाहर खींचूंगा।”

चीका रस्सी पकड़ता है और मीका अपनी पूरी ताकत से रस्सी खींचता है। क्योंकि चीका बड़ा और भारी था, मीका को बहुत मेहनत करनी पड़ी, लेकिन उसने हार नहीं मानी। अपनी पूरी ताकत लगाते हुए, मीका रस्सी खींचता है और आखिरकार चीका कुएं से बाहर आ जाता है।

कुएं से बाहर आने के बाद, चीका ने मीका को गले लगा लिया और गुस्से से रोते हुए बोला, “मेरे छोटे भाई, तुमने मुझे बचा लिया। तुम मुझसे कितने छोटे हो, तुम्हारे पास इतनी ताकत आई कहां से?”

मीका हंसते हुए बोला, “भाई, मुझे नहीं पता कि मुझे इतनी ताकत कहां से आई, लेकिन एक बात मैंने अच्छे से समझ ली है। अगर कोई कहे कि ये काम तुमसे नहीं हो पाएगा, तो मैं अब कभी इस बात को नहीं मानूंगा। मैं जानता हूं कि कोई भी काम ऐसा नहीं है, जो हम नहीं कर सकते।”

इसके बाद, दोनों भाई खुशी-खुशी घर लौटे।

मोरल: हमें कभी भी अपनी ताकत और क्षमता को कम नहीं समझना चाहिए। अगर हम मेहनत और विश्वास के साथ कोई काम करें, तो हम उसे कर सकते हैं।

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