Bhale Insaan ki Kahan – Chandigarh News https://chandigarhnews.net Latest Chandigarh News Sun, 05 Jan 2025 06:32:50 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.1 https://chandigarhnews.net/wp-content/uploads/2023/08/chandigarh-news-favicon-icon-1.jpg Bhale Insaan ki Kahan – Chandigarh News https://chandigarhnews.net 32 32 Bhale Insaan ki Kahani – इतने भले मत बन जाना साथी https://chandigarhnews.net/bhale-insaan-ki-kahani/ https://chandigarhnews.net/bhale-insaan-ki-kahani/#respond Sun, 05 Jan 2025 10:30:07 +0000 https://chandigarhnews.net/?p=56250 Bhale Insaan ki Kahani – इतने भले मत बन जाना साथी Bhale Insaan ki Kahani – एक बार की बात

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Bhale Insaan ki Kahani – इतने भले मत बन जाना साथी

Bhale Insaan ki Kahani – एक बार की बात है, ढोलकपुर जंगल में चम्पा लोमड़ी अपनी मस्ती में चली जा रही थी। तभी उसे बहुत प्यास लगती है और वह इधर-उधर देखने लगती है। तभी उसे थोड़ी दूर पर एक कुआं दिखाई देता है। वह तुरंत कुएं के पास जाती है, और देखती है कि कुआं पानी से भरा हुआ है।

बहुत खुश होकर वह कुएं से पानी पीने लगती है। पानी पीते-पीते अचानक उसका पैर फिसल जाता है और चम्पा लोमड़ी कुएं में गिर जाती है। कुएं का पानी बहुत मीठा होता है, और चम्पा को पानी बहुत अच्छा लगता है। वह अब आराम से पानी पीने लगती है।

जब चम्पा लोमड़ी अच्छे से पानी पी लेती है, तो वह बाहर निकलने की कोशिश करती है। वह एक बार छलांग लगाती है, फिर दूसरी बार और तीसरी बार भी। लेकिन वह बाहर नहीं निकल पाती। अब उसे डर लगने लगता है कि कहीं वह उसी कुएं में ही ना रह जाए। उसे सोचने लगता है कि अगर वह कुएं में रह गई तो घर में रखी गरमा-गरम आलू टिक्की कौन खाएगा। यही सोचकर वह जोर-जोर से चिल्लाने लगती है, “बचाओ, बचाओ!”

तभी उसकी आवाज सुनकर चंपू गधा आता है और उससे पूछता है, “क्या हुआ चम्पा लोमड़ी, तुम कुएं के अंदर क्या कर रही हो?” चम्पा लोमड़ी जवाब देती है, “अरे चंपू गधे, मैं बचाओ-बचाओ नहीं कह रही थी, मैं तो कह रही थी आओ आओ, तुम भी मीठा-मीठा पानी पी लो। इस कुएं का पानी बहुत मीठा है।”

चम्पा लोमड़ी की बात सुनकर चंपू गधा बिना कुछ सोचे-समझे कुएं में कूद जाता है और पानी पीने लगता है। फिर वह चम्पा से कहता है, “हां चम्पा, तुम बिल्कुल सही कह रही थी, इस कुएं का पानी सच में बहुत मीठा है।”

जब चंपू गधा अच्छे से पानी पी लेता है, तो वह चम्पा से कहता है, “अच्छा चम्पा, अब बाहर कैसे निकलेंगे? ये तो बताओ।” चम्पा लोमड़ी मुस्कुराते हुए कहती है, “मेरे पास एक बहुत अच्छा आइडिया है। ऐसा करो, तुम कुएं की दीवार को पकड़ कर खड़े हो जाओ। मैं तुम्हारे ऊपर चढ़कर कुएं से बाहर निकल जाऊँगी। और फिर तुम्हें भी बाहर निकाल दूँगी।”

चंपू गधा बिना सोचें-समझे उसकी बात मान लेता है और कुएं की दीवार के पास खड़ा हो जाता है। चम्पा लोमड़ी मुस्कुराते हुए उस पर चढ़ती है और कुएं से बाहर निकल जाती है। उसके बाहर निकलते ही चंपू गधा कहता है, “अरे चम्पा, मुझे तो बाहर निकलने का आइडिया बताओ!” तभी चम्पा कहती है, “मेरे पास तो सिर्फ एक आइडिया था, अपने खुद के निकलने का। अब तुम अपना देखो।” फिर चंपू गधा जोर-जोर से चिल्लाने लगता है, “बचाओ-बचाओ!” लेकिन अब वहाँ कोई नहीं आता।

मोरल: हमें कुछ भी करने से पहले एक बार जरूर सोचना चाहिए, कहीं कोई अपने फायदे के लिए हमारा गलत फायदा तो नहीं उठा रहा। और हमें हमेशा ऐसे लोगों से सतर्क भी रहना चाहिए।

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