Dosti ki Kahani – Chandigarh News https://chandigarhnews.net Latest Chandigarh News Thu, 02 Jan 2025 13:26:55 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.1 https://chandigarhnews.net/wp-content/uploads/2023/08/chandigarh-news-favicon-icon-1.jpg Dosti ki Kahani – Chandigarh News https://chandigarhnews.net 32 32 Dosti ki Kahani – दोस्ती का इनाम https://chandigarhnews.net/dosti-ki-kahani/ https://chandigarhnews.net/dosti-ki-kahani/#respond Fri, 03 Jan 2025 11:50:01 +0000 https://chandigarhnews.net/?p=55938 Dosti ki Kahani – दोस्ती का इनाम Dosti ki Kahani – एक हरे-भरे गाँव में, पक्षियों की चहचहाहट से हर

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Dosti ki Kahani – दोस्ती का इनाम

Dosti ki Kahani – एक हरे-भरे गाँव में, पक्षियों की चहचहाहट से हर दिन नई ऊर्जा भर जाती थी। इस गाँव में नन्हा तोता और समझदार मैना गहरे दोस्त थे। तोता हमेशा चहकता रहता, पर छोटी-छोटी बातों पर जल्दी गुस्सा कर बैठता। इसके विपरीत, मैना शांत और धैर्यवान थी, और अक्सर तोते को गुस्सा छोड़ने और दूसरों के प्रति उदार होने की सीख देती।

तूफान के बाद का दिन

एक दिन, गाँव में जोरदार तूफान आया। बारिश की तेज़ बौछारों ने पक्षियों को उनके घोंसलों में दुबकने पर मजबूर कर दिया। जब बारिश थमी, तोता और मैना भोजन की तलाश में निकल पड़े। उड़ते-उड़ते उन्हें एक पेड़ के नीचे पके हुए फलों का ढेर दिखा। तोता खुश होकर तुरंत उन फलों पर झपट पड़ा और खाने लगा।

तभी, एक बगुला वहां आ पहुँचा। उसने भी फलों को खाने की कोशिश की, लेकिन तोता गुस्से में चीख पड़ा, “यह मेरा खाना है! यहां से चले जाओ।” बगुले ने कुछ नहीं कहा और चुपचाप उड़ गया।

मैना की सीख

मैना ने यह देखा और तोते से कहा, “हमें दूसरों के साथ बाँटना सीखना चाहिए। जो खुशी हम अकेले पाने की कोशिश करते हैं, वह बाँटने से दोगुनी हो जाती है।” लेकिन तोता मैना की बात पर ध्यान दिए बिना फलों को खत्म करने में लग गया।

कुछ देर बाद, तोते को बहुत प्यास लगी। वह एक तालाब की ओर उड़ चला। तालाब तक पहुँचने पर उसने देखा कि बारिश के कारण पानी गंदा हो चुका था और पीने लायक नहीं था। प्यास के कारण परेशान तोता इधर-उधर उड़ने लगा।

बगुले की मदद की कमी

तभी मैना ने उसे याद दिलाया, “अगर तुमने बगुले को खाने दिया होता, तो शायद वह तुम्हें किसी साफ तालाब का रास्ता दिखा देता। उसकी मदद न करके तुमने अपनी ही मदद से इनकार किया है।”

तोते को अपनी गलती का एहसास हुआ। उसने सोचा, “अगर मैंने बाँटने और दूसरों के साथ अच्छा व्यवहार करने की बात पहले समझी होती, तो शायद मुझे आज इतनी परेशानी न होती।”

परिवर्तन का संकल्प

तोते ने मैना से माफी मांगी और वादा किया कि वह अब से दूसरों के साथ बाँटना और मदद करना सीखेगा। उसने यह भी महसूस किया कि गुस्से में लिए गए फैसले अक्सर नुकसान पहुंचाते हैं।

उस दिन के बाद, तोता न केवल मैना की बातों को मानने लगा, बल्कि दूसरों के साथ अपनी चीजें साझा करने और जरूरतमंदों की मदद करने का भी प्रयास करने लगा।

कहानी से सीख

  • साझा करने की आदत जीवन को सुंदर बनाती है।
  • दूसरों के साथ बाँटने से हम खुशियाँ और सहायता दोनों प्राप्त करते हैं।
  • गुस्से में लिया गया निर्णय हानिकारक हो सकता है।
  • हमें धैर्य रखना चाहिए और सोच-समझकर कार्य करना चाहिए।
  • अच्छे व्यवहार का फल हमेशा मीठा होता है।
  • दूसरों के साथ अच्छा व्यवहार करना हमारे जीवन में भी सकारात्मकता लाता है।
  • दोस्ती में सीखने और सिखाने का महत्व है।
  • सच्चे दोस्त वही होते हैं, जो एक-दूसरे को सही राह दिखाते हैं और कठिन समय में साथ देते हैं।

आपको यह कहानी कैसी लगी? यदि इसमें कोई और बदलाव या जोड़ चाहिए, तो बताएं!

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