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]]>Dosti Shayari in Hindi:दोस्ती की हमारे जिन्दगी में क्या अहिमियत है यह तो आप सभी जानते ही हैं । क्यूंकि एक दोस्त ही होता है जिससे हम अपनी हर बात को बेफिक्र शेयर कर सकते हैं ।
ऐसा इसलिए क्योंकि जिस बात को हम अपने मम्मी, पापा, भाई, बहन या किसी अन्य रिश्तेदार से नही कर सकते उस बात को हम अपने दोस्तों से बहुत ही आसानी से शेयर कर लेते हैं. ऐसे में ज़िन्दगी में दोस्त का होना हमारे जीवन में बेहद ही जरुरी है । एक सच्चा दोस्त आपके हर सुख दुःख में काम आ सकता है, और आपका दोस्त भी आपसे यही उम्मीद करता है.
और ऐसे में हम आज अपने दोस्तों के लिए बेहद खास Dosti Shayari in Hindi लेकर आये हैं जिस में आपको Dosti Status in Hindi, Dosti Shayari Images, सच्ची दोस्ती शायरी जैसे शायरी लाये है जो मुझे उम्मीद है के आपको बहुत पसंद आने वाली है ।
सच्चे दोस्त कभी गिरने नहीं देते,
न किसी कि नजरों में,
न किसी के कदमों में !
सच्ची है मेरी दोस्ती आजमा के देख लो,
करके यकीं मुझ पे मेरे पास आ के देख लो,
बदलता नहीं कभी सोना अपना रंग,
जितनी बार चाहे आग लगा कर देख लो !!
जब मोहब्बत हाथ छोड़ देती है,
तब दोस्त ही कदम से कदम मिलाकर चलते हैं !
Dosti Shayari images
सच्चा दोस्त वही होता है जो हमे कभी गिरने न दे,
वो न कभी किसी की नजरों में गिरने दे,
और न कभी किसी के कदमो में गिरने दे !
प्यार में भले ही जूनून है !
मगर दोस्ती में सुकून है !
दोस्ती के लिए Dil तोड़ सकते हैं,
पर Dil के लिए दोस्ती नहीं !
हर दुआ मेरी क़ुबूल हो गयी है,
तेरे जैसी दोस्त जो मुझे मिल गयी है !
बेशक दोस्त से फासला हो जाए,
मगर उसकी दोस्ती से फासला कभी मत करना !
जब दोस्ती सच्ची और मजबूत होती है,
तो उसे जताने की जरूरत नही होती है,
चाहे दोस्त कितना भी दूर चला जाये,
उसे पास लाने की जरूरत नही होती है !
दोस्ती तो वो है जो तेज़ बारिश मे भी,
चेहरे पर गिरे हुये आँसू पहचान लेती है !
मजिलों से अपनी डर ना जाना,
रास्ते की परेशानियों से टूट ना जाना
जब भी जरुरत हो जिंदगी में किसी अपने की,
एक दोस्त भी है तेरा ये भूल न जाना !
फूलों-सा ताज़ा रहता है समां मेरा,
जब मिल जाता है ए-दोस्त साथ तेरा !
दोस्ती का रिश्ता ही ऐसा होता है,
दोस्त कमीना भी हो फिर भी सच्चा होता है !
Dosti Shayari status hindi
जब भी मिलते हैं वो दिल से मिलते हैं !
कमीने Dost बडी मुश्किल से मिलते हैं !!
अपना तो कोई दोस्त नही है !
सब साले कलेजे के टुकडे हैं !
जब दोस्त नहीं हो तो कुत्ते भी सताते हैं,
और एक ही कमीना दोस्त साथ हो तो शेर भी घबराते हैं !
कुछ दोस्त तो इतने कमीने है कि वे,
दोस्त कम और घरवालो के खबरी ज्यादा हैं !
आपकी दोस्ती ने हमें जीना सिखा दिया,
रोते हुए दिल को हँसना सिखा दिया,
कर्जदार रहेंगे हम उस खुदा के,
जिसने आप जैसे दोस्त से मिला दिया !
दोस्ती में दोस्त दोस्त का खुदा होता है,
महसूस तो तब होता है जब वह जुदा होता है ।
न जाने कौन सी दौलत है कुछ दोस्तों के लफ्जों में,
बात करते हैं तो दिल ही खरीद लेते हैं।
हर दुआ मेरी कुबूल हो गयी है,
तेरे जैसी दोस्त जो मुझे मिल गयी है।
हमारी दोस्ती एक-दूजे से ही पूरी है,
वरना रास्ते के बिना तो मंजिल अधूरी है।
यारी दिमाग से नहीं दिल से निभाओ,
भले ही आपका नाम शौहरत कितनी बड़ी हो,
मगर हर कदम अपने दोस्तों से मिलाके चलो !
तुम दोस्त बनके ऐसे आए ज़िन्दगी में,
कि हम ये जमाना ही भूल गये,
तुम्हें याद आए न आए हमारी कभी,
पर हम तो तुम्हें भुलाना ही भूल गये !
जब कोई ख्याल दिल से टकराता है,
दिल न चाहकर भी खामोश रह जाता है,
कोई सब कुछ कहकर दोस्ती जताता है,
कोई कुछ न कहकर दोस्ती निभाता है ।
तू दूर है मुझसे और पास भी है,
तेरी कमी का एहसास भी है,
दोस्त तो हमारे लाखों हैं इस जहां में,
पर तू प्यारा भी है और खास भी है !
कितनी छोटी सी दुनिया है मेरी एक,
मैं हूँ और एक मेरी सच्ची दोस्ती तेरी !!
दोस्त को दौलत की निगाह से मत देखो,
वफा करने वाले दोस्त अक्सर गरीब हुआ करते हैं !
आपकी हमारी दोस्ती सुरों का साज है,
आप जैसे दोस्त पर हमें नाज है,
अब चाहे कुछ भी हो जाये जिंदगी में,
दोस्ती वैसे ही रहेगी जैसे आज है !
रिश्तों से बड़ी चाहत और क्या होगी,
दोस्ती से बड़ी इबादत और क्या होगी,
जिसे दोस्त मिल सके कोई आप जैसा,
उसे जिंदगी से कोई और शिकायत क्या होगी !
फर्क तो अपने-अपने सोच में है,
वरना दोस्ती भी मोहब्बत से कम नही होती !
न दोस्ती से रहे और न दुश्मनी से रहे,
हमें तमाम गिले अपनी आगही से रहे !
दोस्ती के बाद मोहब्बत हो सकती है,
मगर मोहब्बत के बाद दोस्ती नहीं हो !
वक्त बदल जाता है जिंदगी के साथ,
जिंदगी बदल जाती है वक्त के साथ,
वक्त नहीं बदलता दोस्तों के साथ,
बस दोस्त बदल जाते हैं वक्त के साथ !
याद ऐसी करना जिसकी हद न हो,
विश्वास इतनी करना कभी शक न हो,
इंतजार इतना करो की कोई वक़्त न हो,
दोस्ती ऐसी करना जिसमे नफरत न हो !
दोस्ती शायरी दो लाइन
मोहब्बतों में दिखावे की दोस्ती न मिला
अगर गले नहीं मिलता तो हाथ भी न मिला
दोस्ती जब किसी से की जाए
दुश्मनों की भी राय ली जाए
हम को यारों ने याद भी न रखा
‘जौन’ यारों के यार थे हम तो
अगर तुम्हारी अना ही का है सवाल तो फिर
चलो मैं हाथ बढ़ाता हूँ दोस्ती के लिए
दुश्मनों से प्यार होता जाएगा
दोस्तों को आज़माते जाइए
ये कहाँ की दोस्ती है कि बने हैं दोस्त नासेह
कोई चारासाज़ होता कोई ग़म-गुसार होता
मेरे हम-नफ़स मेरे हम-नवा मुझे दोस्त बन के दग़ा न दे
मैं हूँ दर्द-ए-इश्क़ से जाँ-ब-लब मुझे ज़िंदगी की दुआ न दे
दोस्ती आम है लेकिन ऐ दोस्त
दोस्त मिलता है बड़ी मुश्किल से
तुझे कौन जानता था मिरी दोस्ती से पहले
तिरा हुस्न कुछ नहीं था मिरी शाइरी से पहले
भूल शायद बहुत बड़ी कर ली
दिल ने दुनिया से दोस्ती कर ली
मुझे दोस्त कहने वाले ज़रा दोस्ती निभा दे
ये मुतालबा है हक़ का कोई इल्तिजा नहीं है
दुश्मनों ने जो दुश्मनी की है
दोस्तों ने भी क्या कमी की है
पत्थर तो हज़ारों ने मारे थे मुझे लेकिन
जो दिल पे लगा आ कर इक दोस्त ने मारा है
अक़्ल कहती है दोबारा आज़माना जहल है
दिल ये कहता है फ़रेब-ए-दोस्त खाते जाइए
लोग डरते हैं दुश्मनी से तिरी
हम तिरी दोस्ती से डरते हैं
हटाए थे जो राह से दोस्तों की
वो पत्थर मिरे घर में आने लगे हैं
ख़ुदा के वास्ते मौक़ा न दे शिकायत का
कि दोस्ती की तरह दुश्मनी निभाया कर
दोस्ती ख़्वाब है और ख़्वाब की ता’बीर भी है
रिश्ता-ए-इश्क़ भी है याद की ज़ंजीर भी है
जो दोस्त हैं वो माँगते हैं सुल्ह की दुआ
दुश्मन ये चाहते हैं कि आपस में जंग हो
ऐ दोस्त तुझ को रहम न आए तो क्या करूँ
दुश्मन भी मेरे हाल पे अब आब-दीदा है
दोस्त दो-चार निकलते हैं कहीं लाखों में
जितने होते हैं सिवा उतने ही कम होते हैं
दोस्ती और किसी ग़रज़ के लिए
वो तिजारत है दोस्ती ही नहीं
मैं हैराँ हूँ कि क्यूँ उस से हुई थी दोस्ती अपनी
मुझे कैसे गवारा हो गई थी दुश्मनी अपनी
दोस्ती को बुरा समझते हैं
क्या समझ है वो क्या समझते हैं
दोस्त दिल रखने को करते हैं बहाने क्या क्या
रोज़ झूटी ख़बर-ए-वस्ल सुना जाते हैं
दुश्मनी ने सुना न होवेगा
जो हमें दोस्ती ने दिखलाया
दोस्ती बंदगी वफ़ा-ओ-ख़ुलूस
हम ये शम्अ’ जलाना भूल गए
फ़ाएदा क्या सोच आख़िर तू भी दाना है ‘असद’
दोस्ती नादाँ की है जी का ज़ियाँ हो जाएगा
दोस्ती की तुम ने दुश्मन से अजब तुम दोस्त हो
मैं तुम्हारी दोस्ती में मेहरबाँ मारा गया
तोड़ कर आज ग़लत-फ़हमी की दीवारों को
दोस्तो अपने तअ’ल्लुक़ को सँवारा जाए
आ गया ‘जौहर’ अजब उल्टा ज़माना क्या कहें
दोस्त वो करते हैं बातें जो अदू करते नहीं
Dosti Shayari in Hindi
‘शाइर’ उन की दोस्ती का अब भी दम भरते हैं आप
ठोकरें खा कर तो सुनते हैं सँभल जाते हैं लोग
मुझे दुश्मन से अपने इश्क़ सा है
मैं तन्हा आदमी की दोस्ती हूँ
निगाह-ए-नाज़ की पहली सी बरहमी भी गई
मैं दोस्ती को ही रोता था दुश्मनी भी गई
मैं अब हर शख़्स से उक्ता चुका हूँ
फ़क़त कुछ दोस्त हैं और दोस्त भी क्या
कुछ समझ कर उस मह-ए-ख़ूबी से की थी दोस्ती
ये न समझे थे कि दुश्मन आसमाँ हो जाएगा
मुझे जो दोस्ती है उस को दुश्मनी मुझ से
न इख़्तियार है उस का न मेरा चारा है
Dosti Shayari in Hindi
सौ बार तार तार किया तो भी अब तलक
साबित वही है दस्त ओ गरेबाँ की दोस्ती
दुश्मन से ऐसे कौन भला जीत पाएगा
जो दोस्ती के भेस में छुप कर दग़ा करे
जब दोस्ती होती है तो दोस्ती होती है
और दोस्ती में कोई एहसान नहीं होता
मिरी वहशत मिरे सहरा में उन को ढूँढती है
जो थे दो-चार चेहरे जाने पहचाने से पहले
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