Maa ki Kahani – Chandigarh News https://chandigarhnews.net Latest Chandigarh News Sat, 04 Jan 2025 13:38:05 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.1 https://chandigarhnews.net/wp-content/uploads/2023/08/chandigarh-news-favicon-icon-1.jpg Maa ki Kahani – Chandigarh News https://chandigarhnews.net 32 32 Maa ki Kahani – माँ की डांट https://chandigarhnews.net/maa-ki-kahani/ https://chandigarhnews.net/maa-ki-kahani/#respond Sun, 05 Jan 2025 06:30:23 +0000 https://chandigarhnews.net/?p=56184 Maa ki Kahani – माँ की डांट Maa ki Kahani – ढोलकपुर जंगल में रुस्तम शेर अपने दोनों बच्चों चीका

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Maa ki Kahani – माँ की डांट

Maa ki Kahani – ढोलकपुर जंगल में रुस्तम शेर अपने दोनों बच्चों चीका और मीका को समझा रहा था, “अरे मेरे प्यारे बच्चों, माँ की बातों का बुरा मत मानो। माँ जो भी कहती है, वह तुम्हारे भले के लिए होती है। माँ की बातों को समझकर माना करो, मेरे लाल चीका और मेरे पीले मीका।”

रुस्तम शेर की बातों को सुनकर चीका पहले बोलता है, “नहीं, मुझे नहीं मानना। जब देखो तब माँ कुछ न कुछ बोलती ही रहती है।” तभी मीका बोलता है, “हाँ, हाँ पापा! भाई बिल्कुल सही कह रहा है।

माँ के पास हमें डांटने के अलावा और कोई काम नहीं है। खाना देर से खाओ तो डांट, टीवी ज्यादा देर देखो तो डांट, पढ़ाई न करो तो डांट, खिलौना तोड़ दो तो डांट। डांट, डांट, और सिर्फ डांट! अब हम गुस्से में हैं, किसी से बात नहीं करेंगे, न खेलेंगे, न पढ़ेंगे।”

दोनों की बात सुनकर रुस्तम शेर मुस्कुराते हुए कहता है, “ठीक है, तुम्हें अगर बात नहीं करनी तो मत करो, लेकिन ये बताओ, तुम्हें गज्जू हाथी कैसा लगता है?”

चीका तुरंत बोलता है, “कौन, गज्जू दादा! वो तो बहुत अच्छे हैं, बहुत समझदार भी। उनके साथ खेलना और उनसे बात करना बहुत अच्छा लगता है, और हाँ, वो पढ़ाते भी बहुत अच्छा हैं।”

मीका भी बोलता है, “हाँ पापा, गज्जू दादा बहुत अच्छे हैं।”

रुस्तम शेर फिर पूछता है, “अच्छा, मोंटी बंदर कैसा लगता है?”

चीका और मीका एक साथ बोलते हैं, “मोंटी बंदर! वो तो बहुत शैतान है। हमेशा सबको परेशान करता रहता है। एक दिन मैं बैठकर जूस पी रहा था, और उसने चुपके से आकर मेरा जूस ले लिया।”

मीका भी बोलता है, “हां, पापा! मोंटी बंदर ने तो मेरा चश्मा भी ले लिया था, जो आप मेरे लिए दूसरे जंगल से लेकर आए थे।”

रुस्तम शेर मुस्कुराते हुए कहता है, “देखो, तुम्हारी माँ तुम दोनों को इसलिए डांटती है ताकि तुम बड़े होकर गज्जू हाथी की तरह समझदार बनो, न कि मोंटी बंदर की तरह।”

रुस्तम शेर की यह बात सुनकर दोनों बच्चे ध्यान से सुनते हैं। तभी रूपा शेरनी वहाँ आती है और गरमागरम रसगुल्ला लेकर आती है। दोनों बच्चे तुरंत उठकर माँ के गले लगते हैं और कहते हैं, “माँ, हमें माफ कर दो। हम नहीं बनना मोंटी बंदर की तरह। आज से हम दोनों आपकी सारी बातें मानेंगे।”

रूपा शेरनी उन्हें प्यार करती है और फिर सब मिलकर गरमागरम रसगुल्ला खाते हैं।

मोरल: अगर कभी भी आपके बड़े आपको समझाए या कुछ बोलें, तो उनकी बातों को मानना चाहिए, क्योंकि बड़े हमेशा हमारी भलाई के लिए ऐसा करते हैं ताकि हम दुनिया के सबसे अच्छे बच्चे बन सकें।

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