Team India: पांच भारतीय खिलाड़ी जिनका करियर संन्यास से पहले ही हो गया समाप्त
Team India – भारतीय क्रिकेट इतिहास में ऐसे कई खिलाड़ी हुए हैं जो अपने करियर के शुरुआती दिनों में टीम के महत्वपूर्ण स्तंभ माने जाते थे, लेकिन परिस्थितियां कुछ ऐसी बनीं कि उन्हें अपनी पूरी क्षमता दिखाने का अवसर नहीं मिला।
यह स्थिति कभी फॉर्म की गिरावट के कारण आई, तो कभी टीम में बढ़ती प्रतिस्पर्धा के चलते। आइए, ऐसे पांच खिलाड़ियों पर नज़र डालते हैं जिनका करियर संन्यास की औपचारिक घोषणा से पहले ही समाप्त हो गया।
चेतेश्वर पुजारा
भारतीय टीम के लिए 103 टेस्ट मैच खेलने वाले चेतेश्वर पुजारा को उनकी धैर्यपूर्ण और तकनीकी बल्लेबाजी के लिए जाना जाता है।
आखिरी मैच: जून 2023 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल।
करियर रिकॉर्ड: 7195 रन, 19 शतक और 35 अर्धशतक।
अवकाश की वजह: पिछले कुछ वर्षों में उनका फॉर्म लगातार गिरावट में रहा, और युवाओं को मौका देने के लिए टीम प्रबंधन ने उन्हें नजरअंदाज करना शुरू कर दिया।
हालांकि पुजारा का टेस्ट करियर काफी प्रभावशाली रहा है, लेकिन लंबे समय से टीम से बाहर होने के चलते उनका भविष्य अनिश्चित दिखता है।
अजिंक्य रहाणे
कभी भारत के उप-कप्तान रह चुके अजिंक्य रहाणे का करियर भी फॉर्म और टीम में उनकी भूमिका को लेकर सवालों के घेरे में आ गया।
आखिरी मैच: जुलाई 2023 में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट मैच।
करियर रिकॉर्ड: 85 टेस्ट, 5077 रन, 12 शतक और 26 अर्धशतक।
अवकाश की वजह: रहाणे का असंगत प्रदर्शन और टीम में युवा खिलाड़ियों के उभरने से उनका स्थान कमजोर हो गया।
उन्होंने भारत को कई मैच जिताए हैं, लेकिन अब उनकी वापसी लगभग असंभव लगती है।
पृथ्वी शॉ
कभी भारतीय क्रिकेट के भविष्य के रूप में देखे जाने वाले पृथ्वी शॉ का करियर उनकी प्रतिभा के अनुरूप आगे नहीं बढ़ पाया।
आखिरी मैच: दिसंबर 2020 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट।
करियर रिकॉर्ड: 5 टेस्ट, 339 रन।
अवकाश की वजह: शॉ की खराब फॉर्म, फिटनेस और मैदान के बाहर के विवादों ने उनके करियर को प्रभावित किया।
कभी सचिन तेंदुलकर जैसे महान बल्लेबाज के विकल्प के रूप में देखे गए शॉ अब घरेलू क्रिकेट तक सीमित हो गए हैं।
मयंक अग्रवाल
साल 2018 में टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू करने वाले मयंक अग्रवाल ने अपनी प्रतिभा का परिचय दिया, लेकिन निरंतरता की कमी ने उनके करियर को मुश्किल में डाल दिया।
आखिरी मैच: मार्च 2022 में श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट।
करियर रिकॉर्ड: 21 टेस्ट, 1488 रन, 4 शतक और 6 अर्धशतक।
अवकाश की वजह: टीम इंडिया में केएल राहुल और शुभमन गिल जैसे सलामी बल्लेबाजों की मौजूदगी के चलते मयंक के लिए जगह बनाना मुश्किल हो गया।
घरेलू क्रिकेट में वह लगातार रन बना रहे हैं, लेकिन टीम इंडिया में वापसी की राह मुश्किल है।
हनुमा विहारी
हनुमा विहारी को उनके साहसी और शांत स्वभाव के लिए जाना जाता है। उन्होंने कई बार मुश्किल परिस्थितियों में टीम को बचाने का प्रयास किया।
आखिरी मैच: जुलाई 2022 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट।
करियर रिकॉर्ड: 16 टेस्ट, 839 रन, 1 शतक और 5 अर्धशतक।
अवकाश की वजह: विहारी को सीमित मौकों में अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिला, लेकिन उनके प्रदर्शन ने टीम प्रबंधन को प्रभावित नहीं किया।
वह घरेलू क्रिकेट में सक्रिय हैं, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनकी वापसी मुश्किल दिखती है।
निष्कर्ष
भारतीय क्रिकेट टीम में बढ़ती प्रतिस्पर्धा और युवाओं के प्रदर्शन ने कई अनुभवी खिलाड़ियों के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। फॉर्म में गिरावट, चोटें, और टीम प्रबंधन की बदलती रणनीतियों ने इन खिलाड़ियों के करियर को प्रभावित किया।
हालांकि इनमें से कुछ खिलाड़ी घरेलू क्रिकेट में अभी भी बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन भारतीय टीम में उनकी वापसी की संभावना बेहद कम है।
इन खिलाड़ियों का करियर उनके योगदान और संघर्ष के लिए हमेशा याद किया जाएगा।
Thanks for visiting – Chandigarh News