Thande Mausam ki Kahani – अपना-अपना काम
Thande Mausam ki Kahani – ठंड का मौसम आ चुका था और ढोलकपुर जंगल में सर्दी से सब परेशान थे। दांतों को काटने वाली ठंड से बचने के लिए मोंटी बंदर, चम्पा लोमड़ी, और गज्जू हाथी ने मिलकर एक साथ रहने का फैसला किया। उन्होंने तय किया कि चम्पा लोमड़ी खाना बनाएगी, गज्जू हाथी घर का बाकी काम करेगा, और मोंटी बंदर बाहर से खाना और पानी लेकर आएगा।
सबने खुशी-खुशी अपना काम शुरू किया और समय से पहले ही सब काम खत्म हो जाते। गज्जू हाथी घर का काम जल्दी निपटा लेता, मोंटी बंदर बाजार से खाने-पीने का सामान ले आता, और चम्पा लोमड़ी स्वादिष्ट खाना बना कर रख देती। इस तरह तीनों दोस्त मिलकर ठंड का मजा ले रहे थे।
लेकिन एक दिन बलैकी कौआ ने देखा कि ये तीनों दोस्त इतनी अच्छी तरह से ठंड बिता रहे हैं, जबकि वह अकेला था और उसके पास कुछ भी नहीं था। वह मन ही मन सोचने लगा कि क्यों न इन तीनों को अलग किया जाए। उसे मोंटी बंदर दिखाई देता है और वह मोंटी से कहता है, “इतनी ठंड में तुम सामान लेने जा रहे हो? चम्पा और गज्जू तो बाहर नहीं निकलते, तुम तो उनके नौकर हो।”
मोंटी बंदर ये सुनकर गुस्से में आ जाता है और चम्पा लोमड़ी से कहता है कि अब से वह बाहर नहीं जाएगा। चम्पा लोमड़ी उसे समझाने की कोशिश करती है कि सब काम बराबरी से होने चाहिए, लेकिन मोंटी बंदर नहीं मानता। फिर चम्पा लोमड़ी खुद बाहर सामान लेने जाती है, और मोंटी बंदर घर में खाना बनाने लगता है। लेकिन सब्जी काटते वक्त उसकी उंगली कट जाती है, और फिर गैस पर खाना बनाते वक्त उसका हाथ जल जाता है।
यह सब देख चम्पा लोमड़ी और गज्जू हाथी आते हैं और मोंटी बंदर को समझाते हैं। चम्पा लोमड़ी कहती है, “घर का काम करने में कोई नौकर नहीं होता। जो काम आता है, उसे उसी को करना चाहिए।” मोंटी बंदर समझ जाता है और माफी मांगता है। फिर चम्पा लोमड़ी स्वादिष्ट खाना बनाती है और सब मिलकर खाते हैं।
मोरल: घर के कामों में, एक-दूसरे की मदद करते हुए हमें कभी नहीं सोचना चाहिए कि यह काम मेरा नहीं है। हमें हमेशा मिल-जुल कर काम करना चाहिए और खुशी से रहना चाहिए।
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