Trump Wins Reasons – कैसे चार साल बाद डोनाल्ड ट्रंप ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की? पांच बड़ी वजहें आईं सामने
चार साल पहले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव हारने के बाद, इस बार डोनाल्ड ट्रंप ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। चुनाव के दौरान ट्रंप और कमला हैरिस के बीच कड़ी टक्कर होने की संभावना जताई जा रही थी, लेकिन जब परिणाम आए, तो ट्रंप ने आसानी से जीत हासिल कर ली। चुनाव प्रचार में दोनों उम्मीदवारों के अलग-अलग मुद्दों और प्रचार शैली ने मतदाताओं पर प्रभाव डाला। ट्रंप की रणनीतियां और मुद्दे सीधे मतदाताओं के जीवन से जुड़े थे, जिससे उन्हें बढ़त मिली। आइए जानते हैं कि किन पांच बड़ी वजहों ने ट्रंप की जीत सुनिश्चित की।
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अश्वेत और लैटिनो समुदाय का समर्थन
ट्रंप को इस बार अश्वेत और लैटिनो समुदाय का बड़ा समर्थन मिला। एपी वोटकास्ट के एक सर्वे के अनुसार, जो बाइडन के मुकाबले कमला हैरिस को इन समुदायों से अपेक्षाकृत कम वोट मिले। खासकर फ्लोरिडा के मियामी-डेड काउंटी में ट्रंप का प्रदर्शन बहुत बेहतर रहा। इस काउंटी में लगभग 68% मतदाता लैटिनो हैं, जो पहले डेमोक्रेटिक पार्टी के लिए अहम माने जाते थे। इसके अलावा, इस बार युवाओं के बीच भी ट्रंप का प्रदर्शन अच्छा रहा, जिसने उनकी जीत में अहम योगदान दिया।
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अर्थव्यवस्था का मुद्दा
ट्रंप ने अपने प्रचार अभियान में अमेरिकी अर्थव्यवस्था को प्रमुख मुद्दा बनाया। उन्होंने बाइडन प्रशासन को महंगाई और बढ़ती बेरोजगारी के लिए जिम्मेदार ठहराया। अमेरिकी नागरिक बढ़ती महंगाई से परेशान थे, और मुद्रास्फीति में लगातार वृद्धि के चलते रोजगार का संकट भी गहराता जा रहा था। ट्रंप ने बाइडन प्रशासन की आर्थिक नीतियों की आलोचना करते हुए दावा किया कि वे इस दिशा में कमजोर साबित हुए हैं। मतदाताओं का समर्थन पाने के लिए ट्रंप ने अर्थव्यवस्था के मुद्दे को अपने चुनाव अभियान का केंद्र बिंदु बनाया, जिससे उन्हें मतदाताओं का भरोसा मिला।
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आयकर में कटौती का वादा
ट्रंप ने अपनी चुनावी रैलियों में आयकर को कम करने या पूरी तरह से समाप्त करने का वादा किया। उन्होंने कहा कि वे अमेरिकी लोगों से आयकर वसूलने की बजाय चीन से आने वाले उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाएंगे। इससे अमेरिकी जनता को राहत मिल सकती है। ट्रंप का यह वादा आम जनता के लिए आकर्षक साबित हुआ और उनके पक्ष में मतदाताओं का रुझान बढ़ाने में सफल रहा। उनका कहना है कि अमेरिकी करदाताओं की बजाय विदेशी वस्तुओं पर शुल्क लगाकर आर्थिक व्यवस्था को संतुलित किया जा सकता है। हालांकि, इससे चीन जैसे देशों के सामने नई चुनौतियां खड़ी हो सकती हैं।
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इमीग्रेशन (प्रवास) का मुद्दा
अमेरिका में प्रवासियों की समस्या एक गंभीर मुद्दा है। ट्रंप ने अपने चुनावी प्रचार में अवैध प्रवासियों के खिलाफ कड़े कदम उठाने का वादा किया। उनका कहना था कि अवैध प्रवासियों की वजह से देश में रोजगार के अवसर सीमित हो रहे हैं, और देश के संसाधनों का बंटवारा ठीक से नहीं हो पा रहा है। ट्रंप ने बाइडन प्रशासन की प्रवासी नीति की आलोचना करते हुए कहा कि यह देश के लिए हानिकारक साबित हो रही है। अमेरिकी नागरिकों को डर है कि अवैध प्रवासियों की बढ़ती संख्या से सामाजिक और आर्थिक दबाव बढ़ रहा है। इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाकर ट्रंप ने अपने पक्ष में अधिक समर्थन जुटाया।
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विदेश नीति
डोनाल्ड ट्रंप की आक्रामक विदेश नीति भी उनकी जीत का एक महत्वपूर्ण कारण रही। “अमेरिका फर्स्ट” की नीति के तहत ट्रंप ने वादा किया कि वे अमेरिका के पुराने गौरव को पुनः स्थापित करेंगे। उन्होंने यूक्रेन-रूस युद्ध में यूक्रेन को मदद देने का विरोध किया और नाटो में उन देशों के खिलाफ रुख अपनाया जो अपना सैन्य खर्च वहन नहीं कर रहे हैं। उनका कहना था कि अगर दूसरे देश अपनी सुरक्षा के लिए खुद आर्थिक जिम्मेदारी नहीं उठाते, तो अमेरिका क्यों उनकी रक्षा करे। इस नीति ने अमेरिकी मतदाताओं को ट्रंप की ओर आकर्षित किया, क्योंकि इसमें अमेरिकी हितों को प्राथमिकता दी गई थी।
विश्लेषण और निष्कर्ष
डोनाल्ड ट्रंप ने इस चुनाव में अपनी जीत के लिए सही मुद्दों को चुना और जनता की भावनाओं के अनुरूप प्रचार किया। जहां कमला हैरिस के प्रचार में पर्यावरण, गर्भपात और LGBTQ मुद्दों पर जोर था, वहीं ट्रंप ने अधिक आर्थिक और सामाजिक मुद्दों को उठाया। चुनाव विश्लेषकों का मानना है कि ट्रंप के मुद्दे आम जनता के दैनिक जीवन से जुड़े थे और यह उनकी जीत का एक प्रमुख कारण रहा।
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