World Bank Warns India

World Bank Warns India – भारत के पास 20 साल का मौका: वर्ल्ड बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री इंदरमीत गिल ने क्यों दी यह अहम चेतावनी?

World Bank Warns India – भारत के पास 20 साल का मौका: वर्ल्ड बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री इंदरमीत गिल ने क्यों दी यह अहम चेतावनी?

World Bank Warns India – भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे तेज़ी से बढ़ रही है, लेकिन वर्ल्ड बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री इंदरमीत गिल का कहना है कि भारत के पास अपने विकास की रफ्तार को नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए सिर्फ दो दशक का समय है।

उनका मानना है कि अगर भारत ने अपनी मौजूदा 6% की ग्रोथ रेट को 8% तक नहीं बढ़ाया, तो यह सुनहरा अवसर हाथ से निकल सकता है।

भारत के लिए अनुकूल परिस्थितियां

इंदरमीत गिल ने भारत की मौजूदा स्थिति को दुनिया के बाकी देशों की तुलना में बेहद भाग्यशाली बताया।

डेमोग्राफिक एडवांटेज: अगले 20 साल तक भारत की जनसंख्या का बड़ा हिस्सा कामकाजी उम्र का रहेगा, जो किसी भी अर्थव्यवस्था के लिए सबसे अहम कारक है।

जियो-पॉलिटिकल समर्थन: वैश्विक निवेशक अब चीन से हटकर भारत की ओर देख रहे हैं। भारत का बड़ा और तेज़ी से बढ़ता घरेलू बाजार विदेशी कंपनियों को आकर्षित कर रहा है।

मजबूत प्राइवेट सेक्टर: भारत के निजी क्षेत्र पर कर्ज का बोझ कम है, जो अर्थव्यवस्था को स्थिरता प्रदान करता है।

चीन से तुलना: भारत की स्थिरता का लाभ

गिल का मानना है कि भारत की इकॉनमी चीन की तुलना में अधिक संतुलित है।

खपत और उत्पादन का संतुलन: चीन ने अपने विकास में विदेशी मांग पर अधिक निर्भरता दिखाई, जबकि भारत की खपत मुख्य रूप से घरेलू है।

भू-राजनीतिक लाभ: भारत के लिए वर्तमान समय में अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियां अनुकूल हैं, जो उसकी वृद्धि को गति दे सकती हैं।

6% से 8% ग्रोथ का लक्ष्य: क्यों है यह ज़रूरी?

इंदरमीत गिल के अनुसार, भारत को अपनी ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट (GDP) की वृद्धि दर को 6% से बढ़ाकर 8% तक ले जाने की जरूरत है। यह हासिल करने के लिए भारत को:

दक्षता में सुधार: पूंजी, श्रम और ऊर्जा के इस्तेमाल में कुशल बनना होगा।

संरचनात्मक सुधार: शिक्षा प्रणाली में वही स्तर का सुधार करना होगा जो डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर और परिवहन के क्षेत्र में किया गया है।

निजी निवेश को प्रोत्साहित करना: विकास के लिए निजी क्षेत्र से अधिक पूंजी जुटानी होगी।

भारत के पास केवल 20 साल का समय

गिल का कहना है कि भारत के पास अभी पर्याप्त समय है, लेकिन यह मौका हमेशा के लिए नहीं रहेगा।

अगले दो दशकों में भारत अपनी क्षमता के चरम पर होगा।

अगर इस समय का उपयोग नहीं किया गया, तो आर्थिक विकास की यह गति शायद दोबारा संभव न हो।

प्रधानमंत्री मोदी का लक्ष्य: विकसित भारत 2047

गिल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2047 तक भारत को एक विकसित देश बनाने के लक्ष्य की सराहना की।

उन्होंने कहा कि भारत को अपनी संभावनाओं को साकार करने के लिए अभी से मेहनत करनी होगी। यह सुनहरा अवसर भारत को विकसित अर्थव्यवस्थाओं की पंक्ति में ला सकता है।

निष्कर्ष:

भारत के पास अगले दो दशक में आर्थिक चमत्कार दिखाने का मौका है। अगर भारत ने इन वर्षों में दक्षता, शिक्षा और निजी निवेश को प्राथमिकता दी, तो यह न केवल अपनी विकास दर को बढ़ा सकेगा, बल्कि एक विकसित राष्ट्र बनने के लक्ष्य को भी हासिल करेगा। आने वाला समय भारत के लिए निर्णायक साबित होगा।

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